RBI Repo Rate: केंद्रीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने एक बार फिर से नीतिगत ब्याज दर- रेपो रेट- में कोई बदलाव नहीं किया है. लगातार छठी बार रेपो रेट को 6.5% पर बरकरार रखने का फैसला लिया गया है. गवर्नर शक्तिकांत दास ने अपने संबोधन में कहा कि वैश्विक आर्थिक परिदृश्य से मिले-जुले संकेत ही मिल रहे हैं. अस्थिर वैश्विक स्थितियों के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था ने आउटपरफॉर्म किया है. महंगाई भी नीचे आती दिख रही है. उन्होंने कहा कि इस बार की बैठक में विस्तार से चर्चा की गई है और कमिटी का फैसला है कि रेपो रेट को अभी 6.5% पर ही स्थिर रखा जाए. छह में से पांच सदस्यों ने इस पक्ष में फैसला दिया.

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गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि MPC अकोमेडिटिव रुख वापस लेने के पक्ष में है. ग्लोबल इकोनॉमी में रिकवरी के संकेत दिखाई दे रहे हैं. इसके अलावा, खाद्य कीमतों में अनिश्चितता का महंगाई दर पर असर है. MPC का लक्ष्य है कि महंगाई दर को 4% के नीचे लाया जाए. साथ ही 2024 में महंगाई दर के और नीचे आने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में रियल जीडीपी ग्रोथ 7 फीसदी पर रहने का अनुमान है.

मंहगाई के आंकड़े

खाद्य कीमतों में अनिश्चितता का घरेलू बाजार पर असर है. MPC का लक्ष्य है कि महंगाई दर को 4% के नीचे लाया जाए. साथ ही 2024 में महंगाई दर के और नीचे आने की उम्मीद है. FY24 के लिए महंगाई दर 5.4% पर रहने का अनुमान है. FY5 के लिए महंगाई दर 4.5% रहने का अनुमान है. Q1FY25 में सीपीआई के 5% पर रहने का अनुमान है. Q2FY25 में सीपीआई के 4 फीसदी पर बरकरार रहने के अनुमान हैं. Q3FY25 में महंगाई दर अनुमान 4.7 फीसदी से घटकर 4.6 फीसदी पर किया गया है. Q4FY25 में महंगाई दर 4.7 फीसदी पर रह सकती है.

अर्थव्यवस्था वृद्धि के आंकड़े 

वित्त वर्ष 2024-25 में रियल जीडीपी ग्रोथ 7 फीसदी पर रहने का अनुमान है. FY24 जीडीपी ग्रोथ 7 फीसदी से बढ़कर 7.3 फीसदी पर रहने का अनुमान है. Q1FY25 में रियल जीडीपी ग्रोथ 6.7 फीसदी से बढ़कर 7.2 फीसदी होने का अनुमान है. 

US Fed ने भी रेट कट के खिलाफ फैसला दिया था

आरबीआई ने इसके पहले फरवरी, 2023 में रेपो रेट में बदलाव किया था. मई, 2020 से पिछले साल फरवरी तक आरबीआई ने लगातार नीतिगत ब्याज दरों में बदलाव किया था, जिसके बाद से इसपर यथास्थिति का रुख बनाए रखा गया है. अहम है कि आरबीआई की मौद्रिक नीति की यह घोषणा अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक की ओर से अपने मौद्रिक नीति निर्णय की घोषणा के कुछ दिनों बाद हो रही है जिसमें उसने बेंचमार्क ब्याज दरों को 5.25 प्रतिशत पर यथावत रखा है और सुझाव दिया है कि दरों को बदलने की कोई जल्दी नहीं है. बाजार को पहले अनुमान था कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक इस साल मार्च से ब्याज दरों में कटौती शुरू कर सकता है.