रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा नीति शुरु होने वाली है. यह 6 से 8 जून के दौरान होगी. सबकी निगाहें महंगाई और ग्लोबल इकोनॉमी की अस्थिरता के बीच RBI MPC के फैसलों पर होगी. ज्यादातर जानकार मान रहे हैं कि ब्याज दरों में बढ़ोतरी की संभावना कम है. ऐसे में लोन EMI में बढ़ोतरी की चिंता से थोड़ी राहत मिलती नजर आ रही है. इससे पहले अप्रैल में हुई मीटिंग में दरों को जस का तस रखने का फैसला किया गया था. इससे रेपो रेट 6.50 फीसदी पर बरकरार है.

इस तारीख को आएगा फैसला

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RBI MPC की 43वीं मीटिंग का फैसला 8 जून को आएगा. इसे रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांता दास सार्वजनिक करेंगे. दास ही 6 सदस्यी MPC के प्रेसिडेंट हैं. केंद्रीय बैंक पिछले साल मई से अबतक रेपो रेट में 250 बेसिस पॉइंट्स का इजाफा कर चुका है. बैंक ऑफ महाराष्ट्र और बैंक ऑफ इंडिया  जैसे बड़े बैंकों के आधिकारियों के मुताबिक दरों में फिलहाल कोई बढ़ोतरी नहीं होगी. 

ब्याज दरों में नहीं होगा इजाफा?

बैंक ऑफ इंडिया के MD ने कहा कि नीतिगत दर रेपो पहले ही 2.5 फीसदी बढ़ चुकी है. उन्होंने कहा कि अगर आप होलसेल और रिटेल महंगाई के आंकड़ों को देखेंगे, तो यह अब यह घट गई है. ऐसे में मुझे लगता है कि RBI अब विराम लगाएगा और रेपो दर में बढ़ोतरी नहीं होगी. बैंक ऑफ महाराष्ट्र के कार्यकारी निदेशक आशीष पांडेय ने भी इस बयान का समर्थन किया. पांडेय ने कहा कि RBI दर बदलने से पहले अपनी इंतजार करो और देखो की पॉलिसी पर कायम रहेगा.

US फेड बढ़ा सकता है दर

अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व भी जून में ब्याज दरों पर फैसला लेगा. जानकारों के मुताबिक फेड इस बार ब्याज दरों में इजाफा कर सकता है. जून में दरों में बढ़ोतरी के बाद इसे रोक दिया जाएगा. यानी फिर आगे दरों में बढ़ोरी नहीं होगी. फिलहाल RBI की नजर महंगाई, अल नीनो का खरीफ फसलों पर असर और मानसून की चाल पर रहेगी. 

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