RBI : भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Governor Shaktikanta Das) ने सोमवार को नीतिगत दर (Repo Rate) में कटौती के संकेत दिये. उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर 3 अप्रैल को होने वाली अगली मौद्रिक नीति समीक्षा (Monetary policy review) में नीतिगत दर में कटौती समेत और कदम उठाए जा सकते हैं. साथ ही उन्होंने सिस्टम में नकदी बढ़ाने के और उपायों की भी घोषणा की. कोरोनावायरस (Coronavirus) संक्रमण के कारण वैश्विक और घरेलू बाजार में जारी नरमी के बीच उन्होंने यह बात कही.

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रिजर्व बैंक ने अचानक से दोपहर में संवाददाता सम्मेलन बुलाए जाने की सूचना दी. इसको देखते हुए बाजार रेपो रेट में कटौती की उम्मीद कर रहा था. पीटीआई की खबर के मुताबिक, अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने पिछले 10 दिनों में नीतिगत दर में दोबारा कटौती की और यह शून्य के करीब पहुंच गई है. इसी प्रकार, बैंक ऑफ इंग्लैंड ने भी नीतिगत दर में 0.50 प्रतिशत की कटौती की है. यूरोपीय सेंट्रल बैंक ने भी इसी प्रकार का कदम उठाया है.

दास ने कहा कि कानून के तहत नीतिगत दर में कटौती मौद्रिक नीति समिति (Monetary policy committee) की बैठक में होने वाले निर्णय के जरिये होती है लेकिन वह किसी भी संभावना से इनकार नहीं कर रहे, जरूरत पड़ने पर अगली मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर में कटौती समेत और कदम उठाए जा सकते हैं. आरबीआई ने नकदी बढ़ाने के इरादे से विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार (Foreign currency exchange market) में 23 मार्च को बिक्री/खरीद अदला-बदली के जरिये 2 अरब डॉलर डालने की घोषणा की है. इसके साथ ही जरूरत पड़ने पर रेपो दर पर लंबे समय के लिए एक लाख करोड़ रुपये मूल्य के बॉन्ड की खरीद-फरोख्त का एक और दौर शुरू करेगा.

येस बैंक के बारे में दास ने कहा कि येस बैंक संकट के समाधान को लेकर सरकार तथा केंद्रीय बैंक ने त्वरित कदम उठाये हैं. यस बैंक का पुनर्गठन भरोसेमंद और मजबूत है. उन्होंने कहा कि येस बैंक में जमाकर्ताओं का धन पूर्ण रूप से सुरक्षित, बैंक निजी क्षेत्र की इकाई बना रहेगा.

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आरबीआई गवर्नर ने कहा कि निजी क्षेत्र के छोटे बैंकों समेत सभी बैंकों की सेहत बेहतर है और येस बैंक मजबूत पुनरोद्धार योजना के अंतर्गत है. उन्होंने यह भी कहा कि कोरोनावायरस के कारण घरेलू और वैश्विक आर्थिक वृद्धि पर असर पड़ेगा. दास ने कहा कि आरबीआई के पास कई कोरोना वायरस महामारी के प्रभाव से निपटने को लेकर कई नीतिगत उपाय हैं और वह उसके लिये तैयार है.