Bank Note printing in India: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने 'मेक इन इंडिया' (Make in India) पर जोर देते हुए कहा कि देश को निकट भविष्य में बैंक नोट की छपाई में 100 फीसदी आत्मनिर्भरता हासिल करना चाहिए.

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दास ने मैसूर में भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड (BRBNMPL) की इंक मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट को लॉन्च किया. रिजर्व बैंक के पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी BRBNMPL ने बैंक नोटों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए 1,500 मीट्रिक टन की एनुअल इंक प्रोडक्शन कैपेसिटी के साथ वर्णिका की स्थापना की है.

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मेक इन इंडिया को बढ़ावा

RBI ने एक बयान में कहा कि यह मेक इन इंडिया पहल को बढ़ावा देता है और सुनिश्चित करता है कि बैंकनोट प्रिंटिंग स्याही की पूरी आवश्यकता देश में ही तैयार की जाए.

आरबीआई गवर्नर ने भारत में बैंकनोट प्रोडक्शन इकोसिस्टम में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की दिशा में किए गए विकास को मान्यता देते हुए निकट भविष्य में बैंकनोट निर्माण में 100 फीसदी आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए लगातार रिसर्च और डेवलपमेंट करने पर जोर दिया.

नोटों की प्रिंटिंग कॉस्ट में आई कमी

इस यूनिट में कलर शिफ्ट इंटैग्लियो इंक (CSII) भी बनाती है और भारत में बैंकनोट प्रिंटिंग प्रेस की सारी आवश्यकताओं को पूरा करती है, जिसके चलते बैंकनोट की छपाई के लिए इंक के दाम में कमी और आत्मनिर्भरता आई है.

नोटों की छपाई में आत्मनिर्भर बनेगा देश

आरबीआई ने बताया कि इसके अलावा विभिन्न तरह के वार्निशों के निर्माण के लिए वार्निश प्लांट को चालू करने और स्वदेशी रूप से मध्यम और विशेष एडिटिव्स के प्रोडक्शन से करेंसी इकोसिस्टम में लागत की कमी और आयात निर्भरता को कम करने के लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलती है.

उन्होंने बताया कि इससे बैंक नोटों की छपाई में इस्तेमाल होने वाले सभी महत्वपूर्ण और प्रमुख कच्चे माल का निर्माण शुरू करने के लिए पूर्ण आत्मनिर्भरता हासिल करने की दिशा में भारत के प्रयासों के अनुरूप है.