RBI Fraud Registry: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) लोगों की मेहनत की कमाई को साइबर क्रिमिनल्स और फर्जी वेबसाइटों द्वारा ठगे जाने से बचाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है. इसी कड़ी में ग्राहकों की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए RBI एक फ्रॉड रजिस्ट्री बनाने पर विचार कर रहा है. रिजर्व बैंक की इस रजिस्ट्री में धोखाधड़ी करने वाली वेबसाइटों, फोन और डिजिटल धोखाधड़ी के लिए उपयोग किए जाने विभिन्न तरीकों का डेटाबेस होगा. आरबीआई के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अनिल कुमार शर्मा ने कहा कि इस तरह के डेटाबेस (RBI Fraud Registry) से बैंकिंग फ्रॉड  रोकने में मदद मिलेगी क्योंकि इन फर्जी वेबसाइटों और फोन नंबरों को ब्लैकलिस्टेड कर दिया जाएगा.

कब तक आएगी फ्रॉड रजिस्ट्री

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उन्होंने कहा, "फ्रॉड रजिस्ट्री को बनाने के लिए अभी कोई टाइमलाइन नहीं बनाया गया है. वर्तमान में हम पेमेंट और सेटलमेंट और आरबीआई के सुपरविजन जैसे विभिन्न विभागों सहित कई सारे स्टेकहोल्डर्स से बात कर रहे हैं."

कस्टमर्स के लिए पब्लिश किया जाएगा फ्रॉड डेटा

उन्होंने बताया कि पेमेंट सिस्टम के प्रतिभागियों को रियल टाइम में फ्रॉड रोकने के लिए इस रजिस्ट्री तक की पहुंच दी जाएगी. कस्टमर्स को आने वाले जोखिमों से बचाने और उसे लेकर जागरूक करने के लिए फ्रॉड से जुड़ा हुआ डेटा भी प्रकाशित किया जाएगा.

शर्मा ने यह भी कहा कि क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनी (CIC) के ग्राहक रिजर्व बैंक-एकीकृत लोकपाल योजना (RBI-IOS), 2021 के तहत आएंगे. प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने पिछले साल बैंकिंग, एनबीएफसी और डिजिटल भुगतान प्रणालियों में सेवा की कमियों को दूर करने के लिए एक एकीकृत उपभोक्ता शिकायत निवारण तंत्र (integrated consumer grievance redressal mechanism) शुरू किया था. 

इस साल मिली 4.18 लाख बैंकिंग शिकायतें

वैकल्पिक विवाद निवारण तंत्र को विनियमित संस्थाओं के ग्राहकों के लिए सरल और अधिक उत्तरदायी बनाने के लिए, पीएम मोदी ने 'एक राष्ट्र एक लोकपाल' (One Nation One Ombudsman) लॉन्च किया था. लोकपाल योजना के तहत दर्ज शिकायतों को साझा करते हुए उन्होंने कहा, 2021-22 के दौरान 4.18 लाख शिकायतें प्राप्त हुईं, जबकि पिछले वर्ष 3.82 लाख शिकायतें प्राप्त हुई थीं. पिछले वित्तीय वर्ष में 97.9 प्रतिशत मामलों का निपटारा किया गया, जबकि पिछले वर्ष में 96.5 प्रतिशत मामलों का निपटारा किया गया था.

बैंकिंग फ्रॉड से कैसे बचें

उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि ग्राहकों को किसी के साथ भी अपनी बैंकिंग डीटेल्स साझा नहीं करनी चाहिए. शर्मा ने कहा कि किसी भी तरह के बैंकिंग फ्रॉड (How to prevent banking fraud) का शिकार होने पर तुरंत ही बैंकों को इस बारे में सूचित करें. इसके साथ ही भविष्य के जोखिमों से बचने के लिए कभी भी अपने फोन या डिवाइस पर अनजान सोर्स से ऐप को डाउनलोड न करें. बैंकिंग सर्विस के लिए हमेशा ऑफिशियल सोर्स का ही इस्तेमाल करें.