भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) दृष्टिबाधित या नेत्रहीन लोगों को नोटों की पहचान करने में मदद के लिए एक मोबाइल ऐप्लीकेशन (Mobile App) पेश करेगा. केंद्रीय बैंक ने लेनदेन में अब भी नकदी के भारी इस्तेमाल को देखते हुए यह कदम उठाया. रिजर्व बैंक ने कहा कि नेत्रहीन लोगों के लिए नकदी आधारित लेनदेन को सफल बनाने के लिए बैंकनोट की पहचान जरूरी है. नोट को पहचानने में नेत्रहीनों की मदद के लिए ‘इंटाग्लियो प्रिंटिंग’ आधारित पहचान चिह्न दिए गए हैं. यह चिह्न 100 रुपये और उससे ऊपर के नोट में हैं. नवबंर 2016 में 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को बंद करने के बाद अब चलन में नए आकार और डिजाइन के नोट मौजूद हैं.

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केंद्रीय बैंक ने कहा, ‘‘रिजर्व बैंक नेत्रहीनों को अपने दैनिक कामकाज में बैंक नोट को पहचानने में आने वाली दिक्कतों को लेकर संवेदनशील है. बैंक मोबाइल ऐप विकसित करने के लिए वेंडर की तलाश कर रहा है. यह ऐप महात्मा गांधी श्रृंखला और महात्मा गांधी (नई) श्रृंखला के नोटों की पहचान करने में सक्षम होगा. इसके लिए व्यक्ति को नोट को फोन के कैमरे के सामने रखकर उसकी तस्वीर खींचनी होगी.

यदि नोट की तस्वीर सही से ली गई होगी तो ऐप ओडियो नोटिफिकेशन के जरिए नेत्रहीन व्यक्ति को नोट के मूल्य के बारे में बता देगा. अगर तस्वीर ठीक से नहीं ली गई या फिर नोट को रीड करने में कोई दिक्कत हो रही है तो ऐप फिर से कोशिश करने की सूचना देगा.

रिजर्व बैंक ऐप बनाने के लिए प्रौद्योगिकी कंपनियों से निविदा आमंत्रित कर रहा है. बैंक पहले भी इसी तरह के प्रस्ताव के लिए आवेदन मांगे थे. हालांकि, बाद में इसे रद्द कर दिया गया. देश में करीब 80 लाख नेत्रहीन लोग हैं. आरबीआई की इस पहल से उन्हें लाभ होगा.