आरबीआई ने कैंसिल किया इस को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस, अब ग्राहकों का क्या होगा?
RBI cancels licence of co-operative bank: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने डेक्कन अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक (Deccan Urban Co-operative Bank), कर्नाटक का लाइसेंस रद्द कर दिया है.
RBI cancels licence of co-operative bank: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने डेक्कन अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक (Deccan Urban Co-operative Bank), कर्नाटक पर कड़ी कार्रवाई करते हुए बैंक का का लाइसेंस रद्द कर दिया है. RBI का मानना है कि बैंक के पास बिजनेस चलाने के लिए पर्याप्त पूंजी नहीं है और न ही आगे कमाई की कोई संभावनाएं हैं. सेंट्रल बैंक ने एक प्रेस रिलीज में कहाकि बैंक द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के मुताबिक 99 फीसदी से अधिक बैंक के ग्राहक जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम (DICGC) से अपनी जमा राशि प्राप्त करने के हकदार हैं.
बैंक के पास नहीं है कमाई के साधन
RBI के आदेश के मुताबिक सहकारी बैंक गुरुवार को अपना कारोबार बंद के होने से ही अपना बैंकिंग बिजनेस बंद कर देगा. आरबीआई ने लाइसेंस रद्द करने की घोषणा करते हुए कहा कि बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं हैं.
कैसी है बैंक की फाइनेंशियल कंडीशन
आरबीआई ने यह भी बताया कि विजयपुर स्थित डेक्कन अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक अपनी वर्तमान वित्तीय स्थिति के साथ अपने वर्तमान जमाकर्ताओं को पूरा भुगतान करने में असमर्थ होगा.
क्या है बैंक के ग्राहकों का भविष्य
आरबीआई ने सहकारिता आयुक्त और सहकारी समितियों, कर्नाटक के रजिस्ट्रार से बैंक को बंद करने और बैंक के लिए एक परिसमापक (liquidator) नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया है. परिसमापन पर, प्रत्येक जमाकर्ता अपनी जमाराशियों की जमा बीमा दावा राशि 5 लाख डीआईसीजीसी तक प्राप्त करने का हकदार होगा. 06 अगस्त, 2022 तक, DICGC ने कुल बीमित जमा राशि का 13.07 करोड़ रुपये पहले ही भुगतान कर दिया है.
RBI ने लगाया यहां 6 लाख रुपये का जुर्माना
एक अन्य विज्ञप्ति में, आरबीआई ने कहा कि उसने प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स (PPI) और नो योर कस्टमर (KYC) पर मानदंडों के कुछ प्रावधानों का पालन न करने के लिए ओबोपे मोबाइल टेक्नोलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (Obopay Mobile Technology India Private Limited) पर 5,93,000 रुपये का जुर्माना लगाया है.
हालांकि, केंद्रीय बैंक RBI ने कहा कि जुर्माना नियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य अपने ग्राहकों के साथ इकाई द्वारा किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर उच्चारण करना नहीं है.