अगर आप गाड़ी, मकान के लिए कर्ज या फिर पर्सलन लोन लेने की सोच रहे हैं तो अपनी योजना आने वाले समय को ध्यान में रखकर बनाएं. क्योंकि, देश की 40 फीसदी से अधिक कंपनियों का मानना है कि भारतीय रिजर्व बैंक चालू वित्त वर्ष में ब्याज दरों में और वृद्धि कर सकता है. भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है.

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सीआईआई ने कंपनियों के भरोसा सूचकांक (बीसीआई) की त्रैमासिक रपट के 104वें संस्करण में यह आकलन पेश किया है. सीआईआई के जुलाई-सितंबर 2018 अवधि के इस सर्वेक्षण में विभिन्न आकार और क्षेत्र की करीब 200 कंपनियां शामिल हैं.

बीसीआई के आंकड़े दिखाते हैं कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में कंपनियों की ‘अच्छे दिनों के फिर से लौटने’ उम्मीद सामान्य स्तर से अधिक है. यह कारोबारी दृष्टिकोण और भविष्य में वृद्धि के प्रति बढ़ते भरोसे को दिखाता है.

सीआईआई ने बयान में कहा कि पिछली दो द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा में रिजर्व बैंक ने नीतिगत ब्याज दरों में 0.5 फीसदी की वृद्धि की है.

सर्वेक्षण के अनुसार 42 फीसदी कंपनियों का मानना है कि चालू वित्त वर्ष में रिजर्व बैंक ब्याज दरों आगे और बढ़ा सकता है जबकि पिछले सर्वेक्षणों में कंपनियों ने ब्याज दरों में कटौती या परिवर्तन नहीं होने का अनुमान जताया था.

उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक के गर्वनर उर्जित पटेल की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समीक्षा समिति चालू वित्त वर्ष के लिए अपनी चौथी द्विमासिक समीक्षा बैठक तीन अक्तूबर से शुरू करेगी और इसका निर्णय पांच अक्तूबर को होगा.

(इनपुट भाषा से)