RBI का बड़ा फैसला! UPI के जरिए Tax Payment की लिमिट 400% बढ़ी, जल्द जारी होंगे निर्देश
UPI Transaction Limit Increase: आरबीआई के मुताबिक, यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) यूजर बेस 42.4 करोड़ हो गया है. हालांकि, यूजर्स बेस में अभी और विस्तार की संभावना है.
UPI Transaction Limit Increase: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने UPI के जरिये टैक्स पेमेंट की लिमिट बढ़ाने का ऐलान किया है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांता दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) की मंगलवार को शुरू हुई तीन दिन की बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए कहा कि यूपीआई भुगतान का सबसे पसंदीदा तरीका बन गया है. अभी यूपीआई के लिए टैक्स पेमेंट की लिमिट 1 लाख रुपये है, जिसे बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने का फैसला किया गया है.
शक्तिकांता दास ने कहा कि डायवर्सिफाइल यूजेज के आधार पर, रिजर्व बैंक ने समय-समय पर कैपिटल मार्केट, आईपीओ सब्सक्रिप्शन, डेट कलेक्शन, इंश्योरेंस, मेडिकल एंड एजुकेशनल सर्विसेज जैसी कुछ कैटेगरी के लिए यूपीआई पेमेंट लिमिट की समीक्षा की है और उन्हें बढ़ाया है. उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि डायरेक्ट और इनडायरेक्ट टैक्स पेमेंट सामान्य, रेगुलर और हाई वैल्यू के हैं. इसलिए यूपीआई के जरिये टैक्स पेमेंट की लिमिट को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये प्रति ट्रांजैक्शन लेनदेन करने का फैसला किया गया है. इस बारे में जरूरी निर्देश अलग से जारी किए जाएंगे.’’
UPI का यूजर बेस 42.4 करोड़
आरबीआई के मुताबिक, यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) यूजर बेस 42.4 करोड़ हो गया है. हालांकि, यूजर्स बेस में अभी और विस्तार की संभावना है. यूपीआई में ‘डेलिगेटेड पेमेंट्स’ शुरू करने का भी प्रस्ताव है. दास ने कहा कि ‘डेलिगेटेड पेमेंट्स’ से एक व्यक्ति (प्राइमरी यूजर) को प्राथमिक उपयोगकर्ता के बैंक खाते पर किसी अन्य व्यक्ति (सेकंडरी यूजर) के लिए यूपीआई लेनदेन सीमा निर्धारित करने की अनुमति मिलेगी. इससे देशभर में डिजिटल भुगतान की पहुंच और उपयोग में वृद्धि होने की उम्मीद है. इस संबंध में भी विस्तृत निर्देश जल्द ही जारी किए जाएंगे.
डिजिटल लोन वाले ऐप पर नजर
आरबीआई ने अनअथराइज्ड कंपनियों की जांच के लिए डिजिटल लोन देने वाले ऐप के सार्वजनिक तौर पर आंकड़े तैयार करने का प्रस्ताव दिया है. दास ने कहा कि ग्राहकों के हितों की सुरक्षा, डाटा गोपनीयता, ब्याज दरों व वसूली प्रक्रियाओं, मिस सेलिंग आदि पर चिंताओं से निपटने के लिए दिशानिर्देश 2 सितंबर, 2022 को जारी किए गए थे. हालांकि, मीडिया की खबरों ने डिजिटल लोन देने में बेईमान कंपनियों की मौजूदगी को उजागर किया है जो आरबीआई (आरई) से संबद्ध होने का झूठा दावा करती हैं.