RBI annual report 2021-22: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए सालाना रिपोर्ट शुक्रवार को जारी कर दी है. इस रिपोर्ट में केंद्रीय बैंक ने कहा है कि देश की अर्थव्यवस्था दुनिया के मुकाबले बेहतर स्थिति में है. हालांकि रिपोर्ट (RBI annual report 2021-22) में यह कहा गया है कि ग्लोबल मार्केट का आउटलुक फिलहाल अनिश्चित है. आरबीआई ने कहा कि उसकी प्राथमिकता फिलहाल महंगाई पर नियंत्रण करना है.

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कृषि उत्पादन बढ़ाने पर लगातार फोकस किया जा रहा

खबर के मुताबिक, रिपोर्ट में कहा गया कि सरकार और रिजर्व बैंक की तरफ से ग्रोथ को बढ़ाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं. आरबीआई ने कहा कि सरकारी खर्च बढ़ने से निजी निवेश में तेजी संभव है. आगामी मौद्रिक नीति में महंगाई को तय लक्ष्य के अंदर रखने पर फोकस किया जा रहा है. इसके अलावा सरकार की तरफ से कृषि उत्पादन बढ़ाने पर लगातार फोकस किया जा रहा है. केंद्रीय बैंक (RBI) ने  कहा है कि कई सेक्टर में क्षमता इस्तेमाल सामान्य के करीब पहुंच चुका है.

मांग बनाए रखने पर फोकस करना जरूरी

रिपोर्ट (RBI annual report 2021-22) में कहा गया है कि बैंकों का क्रेडिट ग्रोथ पर फोकस जरूरी है. साथ ही मोनेटाइजेशन प्लान से इंफ्रा खर्च को बढ़ावा मिल सकता है. अपनी पॉलिसी को लेकर कहा कि फिस्कल पॉलिसी में मांग बनाए रखने पर फोकस किया जाना जरूरी है. भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) में लागत में बढ़ोतरी हुई है औऱ साथ ही सप्लाई दिक्कतों से रिकवरी में देरी हो रही है. 

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RBI की बैलेंस शीट 8.5% बढ़ी

भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उसकी 31 मार्च तक बैलेंस शीट 8.5 प्रतिशत बढ़ी है. इसमें कहा गया है कि महंगाई बढ़ने से इमर्जिंग मार्केट के करेंसी पर दबाव बना है. साथ ही यह भी कहा कि रूस-यूक्रेन संकट का भारत में महंगाई पर असर हुआ है. आरबीआई ने रिपोर्ट (RBI annual report 2021-22) में यह भी बताया कि 1.15 लाख करोड़ रुपये कंटिजेंसी फंड में ट्रांसफर किया गया है. आने वाले समय में जियोपॉलिटिकल स्थिति से महंगाई की दिशा तय होगी. देश में कृषि उत्पादन बढ़ाना अभी चुनौतीपूर्ण है.