केंद्रीय रिजर्व बैंक RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज शुक्रवार को मॉनेटरी पॉलिसी (RBI Monetary Policy) के नतीजों की घोषणा की. इसके साथ ही उन्होंने UPI (Unified Payment Interface) को लेकर भी एक बड़ी घोषणा की. डिजिटल पेमेंट को लगातार बढ़ावा देने की कोशिश में अब UPI Payment की सुविधा को और विस्तार दिया गया है. अब UPI यूजर्स जल्द ही कैश डिपॉजिट मशीन (Cash Deposit Machine) पर यूपीआई के जरिए अपने बैंक अकाउंट में पैसे जमा कर सकेंगे.

RBI गर्वनर ने UPI पर क्या की घोषणा?

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गर्वनर शक्तिकांत दास ने अपनी स्पीच में कहा कि आरबीआई यूपीआई पेमेंट को बढ़ावा देने के क्रम में बैंक ग्राहकों को Cash Deposit Machines (CDMs) में UPI के जरिए पैसे जमा करने की अनुमति दे रहा है. अभी ग्राहक डेबिट कार्ड के जरिए ही कैश डिपॉजिट मशीन में पैसे जमा कर सकते हैं. आरबीआई के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने चालू वित्त वर्ष की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करते हुए कहा, ‘‘एटीएम में यूपीआई का उपयोग करके कार्ड-रहित नकद निकासी से प्राप्त अनुभव को देखते हुए अब यूपीआई का उपयोग करके नकदी जमा करने वाली मशीन (सीडीएम) में पैसा जमा करने की सुविधा भी प्रदान करने का प्रस्ताव है.’’

उन्होंने कहा कि यह कदम ग्राहकों के लिए चीजें सुगम और बैंकों में मुद्रा प्रबंधन प्रक्रिया को और अधिक कुशल बनाएगा. आरबीआई के अनुसार, बैंकों कर नकदी जमा मशीनों के उपयोग से जहां एक तरफ ग्राहकों की सुविधा बढ़ी है वहीं बैंक शाखाओं में नकदी-जमा करने को लेकर दबाव कम हुआ है. अब यूपीआई की लोकप्रियता और स्वीकार्यता को देखते हुए बिना कार्ड के नकद जमा करने की सुविधा देने का प्रस्ताव किया गया है.

PPIs के लिए भी आया अपडेट

PPIs (Prepaid Payment Instruments) कार्ड धारकों को बैंक खाताधारकों की तरह तीसरे पक्ष के यूपीआई ऐप के जरिये यूपीआई भुगतान करने की सुविधा देने का भी प्रस्ताव किया गया है. इसके अलावा, PPIs वॉलेट से यूपीआई भुगतान करने के लिए तीसरे पक्ष के यूपीआई ऐप के उपयोग की अनुमति देने का भी प्रस्ताव किया गया है. फिलहाल पीपीआई से यूपीआई भुगतान केवल पीपीआई कार्ड जारी करने वाले की तरफ से उपलब्ध कराई गई वेबसाइट या मोबाइल ऐप का उपयोग करके ही किया जा सकता है. दास ने बयान में कहा, ‘‘इससे पीपीआई कार्ड धारकों को बैंक खाताधारकों की तरह यूपीआई भुगतान करने में मदद मिलेगी.’’ इससे ग्राहकों के लिए चीजें और आसान होंगी और छोटी राशि के लेन-देन के लिए डिजिटल माध्यमों को बढ़ावा मिलेगा. आरबीआई इन उपायों के बारे में जल्द ही दिशा निर्देश जारी करेगा.