ट्रांसजेंडर्स के लिए इस बैंक ने शुरू किया 'रेनबो खाता', ज्यादा ब्याज के साथ मिलेंगी ये सुविधाएं
सभी को समान सुविधाएं देने के लिहाज से ईएसएएफ स्माल फाइनेंस बैंक लिमिटेड ने 'रेनबो खाते' की सुविधा शुरू की है. ट्रांसजेंडर समुदाय को भी मुख्यधारा से जोड़ने की पहल साल 2015 में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा की गई थी.
ईएसएएफ स्माल फाइनेंस बैंक लिमिटेड ने ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए 'रेनबो खाते' की सुविधा शुरू की है. इस बारे में बैंक ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि एक ट्रांसजेंडर अनुकूल या समावेशी श्रम संस्कृति समय की जरूरत है. इस समावेशी क्रांति की दिशा में रेनबो खाता में एक बड़ा कदम है. बता दें कि ईएसएएफ स्माल फाइनेंस बैंक लिमिटेड निजी क्षेत्र की बैंक है और केरल में इसका परिचालन होता है.
जमा राशि पर ज्यादा ब्याज की सुविधा
रेनबो खाते के तहत ट्रांसजेंडर समुदाय को डेबिट कार्ड पर विशेष पेशकश दी जाएगी. वहीं जमा राशि पर ज्यादा ब्याज की सुविधा मिलेगी. खाते में ब्याज का डिफॉल्ट क्रेडिट, योजना की एक और आकर्षक विशेषता है. बता दें कि ट्रांसजेंडर समुदाय को भी मुख्यधारा से जोड़ने की पहल साल 2015 में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा की गई थी. उस समय आरबीआई ने बैंकों को अपने सभी फॉर्म और आवेदन पत्रों में ट्रांसजेंडर समुदाय को जोड़ने की बात कही थी और इसके लिए एक अलग कॉलम ‘थर्ड जेंडर’ शामिल करने का निर्देश दिया था.
1992 में हुई थी ESAF की शुरुआत
उस समय भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा था कि ट्रांसजेंडर्स को अपना खाता खोलने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. उनकी परेशानी को दूर करने के लिए अब सभी फॉर्म, एप्लीकेशन में थर्ड जेंडर का ऑप्शन भी जोड़ना होगा. बता दें कि 11 मार्च 1992 को, के. पॉल थॉमस ने मेरेना पॉल और कुछ दोस्तों के साथ मन्नुथी में लिटिल नाम के एक छोटे से घर में ESAF की शुरुआत की थी.
केरल में पहली माइक्रोफाइनेंस कंपनी
सह-संस्थापकों में से एक जैकब सैमुअल ने इसे ESAF नाम दिया. ईएसएएफ ने 1995 में केरल में पहली माइक्रोफाइनेंस कंपनी के रूप में ऋण देना शुरू किया था. आजादी के बाद केरल में पहला बैंकिंग लाइसेंस प्राप्त करने के बाद यह ESAF स्मॉल फाइनेंस बैंक बन गया. इसका पूरा नाम इवैंजेलिकल सोशल एक्शन फोरम है. इसका विजन इंडिया की लीडिंग सोशल बैंक बनना है जो आजीविका और आर्थिक विकास को लेकर सभी को समान अवसर प्रदान करे.
इनपुट भाषा