MCLR Hike: प्रमुख सरकारी बैंक इंडियन बैंक ने MCLR में बढ़ोतरी कर दी है, जिसके चलते जल्द ही लोन महंगे हो सकते हैं. सरकारी बैंक ने आज बुधवार से अपने 1 साल के MCLR (Marginal Cost of Funds Based Lending Rate) में 0.05% की बढ़ोतरी हुई है. अब एक साल की अवधि के लिए MCLR को 8.75% से बढ़ाकर 8.80% कर दिया गया है. बढ़ी हुई दरें 3 जनवरी से प्रभावी हो चुकी हैं.

क्या हैं Indian Bank के MCLR Rate?

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बैंक ने अपने 1 साल के MCLR में बढ़ोतरी की है. इसके अलावा सभी टेन्योर में रेट जस के तस हैं. Indian Bank की ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक, ओवरनाइट MCLR पर 8.10%, 1 महीने के MCLR पर 8.30%, तीन महीने के लिए MCLR 8.45%, छह महीने के लिए 8.65% और 1 साल के लिए 8.80% का रेट चल रहा है.

MCLR क्या होता है?

MCLR यानी Marginal Cost of Funds Based Lending Rate. यह वह न्यूनतम दर होती है जिसके नीचे कोई भी बैंक ग्राहकों को लोन नहीं दे सकता है. यानी कि इस रेट के नीचे बैंक ग्राहकों को लोन नहीं दे सकते, और ये जितना बढ़ेगा, लोन पर ब्याज भी उतना ही ऊपर जाएगा. बैंकों के लिए हर महीने अपना ओवरनाइट, एक महीने, तीन महीने, छह महीने, एक साल और दो साल का एमसीएलआर घोषित करना अनिवार्य होता है.

MCLR बढ़ने का मतलब है कि मार्जिनल कॉस्ट से जुड़े लोन जैसे- होम लोन, व्हीकल लोन पर ब्याज दरें बढ़ जाएंगी. लेकिन ये ध्यान रखें कि MCLR रेट बढ़ने पर लोन पर ब्याज दरें तुरंत नहीं बढ़ती हैं. लोन लेने वालों की EMI रीसेट डेट पर ही आगे बढ़ती है.