छोटे कारोबारियों को कर्ज देने के लिए शुरू की गई वेबसाइट  https://www.psbloansin59minutes.com देश का सबसे बड़ा ऑनलाइन ऋण प्लेटफॉर्म बनकर उभरा है. इस प्लेटफॉर्म के जरिए 35,000 करोड़ रुपये से अधिक के लोन मंजूर किए गए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन महीने पहले नवंबर में यह पोर्टल शुरू किया था. इसका उद्देश्य सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (MSME) को एक करोड़ रुपये तक के कर्ज के लिए केवल 59 मिनट में मंजूरी देना और बैंकिंग व्यवस्था को पारदर्शी एवं अड़चन मुक्त बनाना है.

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25 दिनों की जगह 59 मिनट में मिलता है लोन

वित्तीय सेवा विभाग के सचिव राजीव कुमार की देखरेख में इस प्लेटफॉर्म को डिजाइन किया गया है. इस प्‍लेटफॉर्म से लोन मंजूर होने में लगने वाला समय 20-25 दिन से घटकर 59 मिनट रह गया है. मंजूरी मिलने के बाद लोन मिलने में 7-8 दिन लगते हैं. सचिव ने कहा कि ऑटोमेटेड लोन प्रोसेसिंग सिस्‍टम से न केवल प्रक्रिया आसान हुई है बल्कि यह पारदर्शिता बढ़ाने में भी मदद कर रहा है.

कुमार ने कहा इस पोर्टल के आने से बैंक अधिकारियों के विवेकाधीन पर मंजूरी दिए जाने का मामला भी खत्म हो गया है क्योंकि लोन की सैद्धांतिक मंजूरी के लिए किसी व्‍यक्ति के हस्‍पक्षेप की आवश्यकता नहीं रह गई है. उन्होंने कहा कि इस पोर्टल के आने से बैंकों और कर अधिकारियों को आय के बारे में गलत जानकारियां देने का सिलसिला भी खत्म हो जाएगा.

इस प्‍लेटफॉर्म से अबतक 35,656 करोड़ रुपये के लोन हुए मंजूर

प्लेटफॉर्म के शुरू होने के बाद से लेकर 27 फरवरी तक 1.62 लाख छोटी इकाइयों को ऋण के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दी गई है जबकि 1.12 लाख इकाइयों को अंतिम मंजूरी मिली है. इनके लिए 35,656 करोड़ रुपये का कर्ज स्वीकृत किया गया है. ताजा आंकड़ों के मुताबिक, इनमें से 35,517 इकाइयों को 10,047 करोड़ रुपये का नया कर्ज मिला है जबकि 77,369 इकाइयों को 25,609 करोड़ रुपये का नया कर्ज दिया गया है. वैश्विक वित्तीय फर्म क्रेडिट सुइस की रिपोर्ट के मुताबिक, 'पीएसबी लोन्स इन 59 मिनट्स डॉट कॉम' सिर्फ तीन महीने में देश का सबसे बड़ा ऑनलाइन लोन प्लेटफॉर्म बनकर उभरा है.

NBFC  को छोड़ा काफी पीछे

क्रेडिट सुइस ने कहा है कि इस पोर्टल के जरिये लोन प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की रफ्तार लघु एवं मझोले उद्यमों को ऑनलाइन कर्ज देने वाले दो सबसे बड़ी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) के पिछले तीन साल के दौरान दिये गये कुल 6,500 करोड़ रुपये के मुकाबले कहीं व्यापक है. इसमें नए कर्ज लेनदारों का औसत कर्ज 27 लाख रुपये और दुबारा कर्ज लेने वालों का औसत कर्ज 34 लाख रुपये तक है.