Cheque के नीचे लिखे इन 7 नंबरों में छुपे होते हैं बैंकों के कई राज, कम ही लोग जानते हैं इनके बारे में
हर चेक में नीचे की तरफ कुछ नंबर लिखे होते हैं, जिन्हें देखकर आप चेक से जुड़ी बहुत सारी बातें समझ सकते हैं. ये नंबर चेक के सिक्योरिटी फीचर्स होते हैं.
Updated on: June 15, 2024, 10.13 AM IST
चेक पर लिखे नंबर उसकी पूरी कुंडली बताते हैं. सबसे पहला होता है चेक नंबर, जो 6 अंकों का होता है. किसी भी तरह के रिकॉर्ड के लिए सबसे पहले चेक नंबर ही देखा जाता है. अगर आप किसी को चेक जारी कर रहे हैं तो सबसे जरूरी चेक नंबर ही है.
इसका मतलब होता है मैग्नेटिक इंक कैरेक्टर रिकॉग्निशन (MICR). इस कोड को एक खास चेक रीडिंग मशीन पढ़ती है, जिससे बैंकों को उस ब्रांच का पता लगाने में मदद मिलती है, जिससे चेक इश्यू किया गया है. यह 9 अंकों का एक नंबर होता है, जो तीन अलग-अलग हिस्सों में बंटा होता है.
MICR कोड के पहले 3 अंक सिटी कोड (City Code) होते हैं. यह आपके शहर के पिन कोड के पहले तीन डिजिट होते हैं. इस नंबर को देखकर आप पता लगा सकते हैं कि किस शहर से आपका चेक आया है.
MICR कोड के अगले 3 अंक बैंक का एक यूनीक कोड होते हैं. इस कोड से आप बैंक का पता लगा सकते हैं. यानी ये कोड बनाता है कि चेक किस बैंक का है. उदाहरण के तौर पर ICICI बैंक का कोड होता है 229 होता है और HDFC बैंक का कोड 240 होता है.
MICR कोड के आखिरी 3 अंक ब्रांच कोड होते हैं. हर बैंक का अपना अलग ब्रांच कोड होता है. यह कोड बैंक से जुड़े हर ट्रांजेक्शन में प्रयोग किया जाता है. ये कोड देखते ही आप समझ सकते हैं कि किस ब्रांच से वह चेक जारी किया गया है.
आपके चेक में मौजूद एक और खास नंबर होता है. यह होता है आपका बैंक अकाउंट नंबर. यह नई चेक बुक में होता है. अगर आप पुरानी चेक बुक देखेंगे, जो कोर बैंकिंग सॉल्यूशन से पहले प्रिंट की गई थीं, उसमें यह नंबर नहीं होता था.
आपके चेक के नीचे छपे नंबरों में से आखिरी 2 अंक आपकी ट्रांजेक्शन आईडी दिखाते हैं. 29, 30 और 31 एट पार चेक को दिखाते हैं. वहीं 09, 10 और 11 लोकल चेक को दिखाते हैं.