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करंसी ट्रेडमार्क हैं महात्मा गांधी- नोटों से नहीं हट सकते! 1987 में पहली बार छपा था बापू का मुस्कुराता चेहरा

भारतीय रुपए पर महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की ही तस्वीर रहेगी है. इसमें अब कोई कन्फ्यूजन नहीं है. रिजर्व बैंक (RBI) ने उस दावे को खारिज कर दिया, जिसमें कहा जा रहा था कि नोटों पर महात्मा गांधी के अलावा रवींद्रनाथ टैगोर और डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की वाटरमार्क तस्वीर होगी. RBI ने अपने बयान में कहा ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है. ये महज अफवाहें हैं.
Updated on: June 07, 2022, 02.21 PM IST
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करंसी ट्रेडमार्क हैं महात्मा गांधी

भारतीय करंसी पर गांधीजी का पोट्रेट (Mahatma Gandhi Image) सिर्फ तस्वीर नहीं है. ये हिंदुस्तान की करंसी का ट्रेडमार्क भी है. दरअसल, यह सिर्फ पोट्रेट फोटो नहीं, बल्कि गांधीजी की संलग्न तस्वीर है. इसी तस्वीर से गांधीजी का चेहरा पोट्रेट के रूप में लिया गया था.

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क्यों गांधी जी की ही तस्वीर की गई शामिल

दरअसल, हमारा देश विभिन्नताओं में एकता वाला देश है और महात्मा गांधी को राष्ट्रीय प्रतीक के रुप में माना जाता है. राष्ट्रपिता की उपाधि हासिल कर चुके गांधी जी उस वक्त राष्ट्र का चेहरा थे, इसलिए उनके नाम पर फैसला लिया गया. क्योंकि अन्य सेनानियों के नाम पर क्षेत्रीय विवाद हो सकता था. हालांकि, इस सवाल को लेकर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है. भूतपूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली भी कह चुके हैं कि महात्मा गांधी से ज्यादा कोई भी व्यक्ति देश के स्वभाव का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकता.

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कहां की है बापू की ये तस्वीर?

यह तस्वीर उस समय खींची गई, जब गांधीजी ने तत्कालीन बर्मा और भारत में ब्रिटिश सेक्रेटरी के रूप में कार्यरत फ्रेडरिक पेथिक लॉरेंस के साथ कोलकाता स्थित वायसराय हाउस (आज राष्ट्रपति भवन) में मुलाकात की थी. इसी तस्वीर से गांधीजी का चेहरा पोट्रेट के रूप में भारतीय नोटों पर अंकित किया गया.

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सबसे पहले 1969 में छपी तस्वीर

RBI के मुताबिक, साल 1969 में महात्मा गांधी की 100वीं जयंती के मौके पर उनके सम्मान में स्मारक नोट जारी किए गए थे. इन नोटों में उनकी तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था. लेकिन, ये नोट बाजार में जारी नहीं किए गए थे.

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स्मारक नोटों पर छापी गई थी तस्वीर

महात्मा गांधी की तस्वीर सबसे पहले 1 रुपए, 2 रुपए, 5 रुपए, 10 रुपए और 100 रुपए के नोट पर छापी गई थी. इसमें गांधीजी सेवाग्राम में बैठे दिखाई दे रहे हैं. 1 रुपए के नोट में सिक्के के अंदर गांधी जी का चेहरे दिखाया गया था. लेकिन, वो पोट्रेट नहीं था.

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1987 में पहली बार 500 रुपए के नोट पर पोट्रेट का इस्तेमाल हुआ

अक्टूबर 1987 में भारतीय रिजर्व बैंक ने 500 रुपए का नोट जारी किया, जिसमें महात्मा गांधी का स्माइलिंग पोट्रेट शामिल किया गया. इसमें लायन कैपिटल और अशोक स्तम्भ पर वाटर मार्क था. भारतीय रिजर्व बैंक के मुताबिक, साल 1996 में महात्मा गांधी की तस्वीर वाले नोट चलन में आए थे. 5, 10, 20, 100, 500 और 1000 रुपए वाले नोट छापे गए. हालांकि, 1996 से पहले 1987 में महात्मा गांधी की तस्वीर को वाटरमार्क के रुप में इस्तेमाल किया जाता था. जो कि नोट के बाईं तरफ दिखाई देते थे.

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साल 2000 में एक हजार और 500 के नोट पर छपी तस्वीर

RBI ने 9 अक्टूबर 2000 को नई सीरीज में 1000 रुपए का नोट महात्मा गांधी की तस्वीरों के साथ जारी किया. 18 नवंबर 2000 को 500 रुपए के नए कलर के नोट भी महात्मा गांधी का पोट्रेट डाला गया.

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1 रुपए पर नहीं छपती महात्मा गांधी की तस्वीर

सरकार की तरफ से साल 2015 में एक रुपए का नया नोट जारी किया गया था. इससे पहले एक रुपए के नोट की छपाई बंद कर दी गई थी. बता दें, 1 रुपए का नोट ही हमारी करेंसी नोट है. इसे RBI की जगह वित्त मंत्रालय जारी करता है. एक रुपए पर पोट्रेट की जगह अशोक स्तंभ और वाटरमार्क का इस्तेमाल होता है. इसमें गांधी जी की तस्वीर नहीं है. इसके ऊपर की वैल्यू वाले नोटों पर महात्मा गांधी की तस्वीर है.