DD vs Cheque: डिमांड ड्राफ्ट से कैसे अलग है बैंक चेक, कौन ज्यादा सेक्योर
Written By: ज़ीबिज़ वेब टीम
Mon, Jun 28, 2021 02:11 PM IST
DD vs Cheque: जब भी हम कैशलेस बैंकिंग ट्रांजैक्शन की बात करते हैं, तो अक्सर हम ऑनलाइन बैंकिंग या डेबिट/क्रेडिट कार्ड से होने वाले लेनदेन के बारे में ही सोचते हैं. जबकि, बैंकिंग सिस्टम में कैशलेस ट्रांजैक्शन के लिए बैंक चेक और डिमांड ड्रॉफ्ट (DD) भी बेहतर ऑप्शन हैं. देखा जाए तो बैंकिंग ट्रांजैक्शन में लोग चेक का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं. कई बार लोग बैंक चेक और डीडी दोनों को एक ही समझ लेते हैं, जबकि ऐसा नहीं है. दोनों ही पूरी तरह अलग हैं. आइए समझते हैं DD का इस्तेमाल ज्यादातर कब होता है, चेक ज्यादा सेक्योर होता है या डिमांड ड्रॉफ्ट...?
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DD से सिर्फ बैंक अकाउंट में ट्रांसफर
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DD का इस्तेमाल भी किसी बैंक अकाउंट में पैसे भेजने के लिए होता है. किसी भी बैंक से इसे बनवाया जा सकता है. जिस व्यक्ति या कंपनी के नाम पर इसे बनवाया जाता है, इसका पैसा सीधा उसी के अकाउंट में ट्रांसफर होता है. सबसे खास बात यह कि DD बनवाने के लिए आपका बैंक में अकाउंट होना जरूरी नहीं है. DD बनवाने वाला या तो कैश देकर भी इसे बनवा सकता है. DD का अमाउंट इनकैश कराने के लिए जिसके नाम पर डीडी पेएबल है, उसे DD बनवाए जाने का कारण यानी किस काम के लिए अमाउंट डीडी से ट्रांसफर किया जा रहा है उससे संबंधित डॉक्युमेंट्स बैंक में दिखाने होते हैं. तभी DD इनकैश करा सकता है.
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चेक से कैसे अलग DD
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डिमांड ड्राफ्ट और चेक में सबसे बड़ा अंतर यह है कि DD केवल अकाउंट में ही पे होता है. जिसके नाम पर यह ऑर्डर है, वह इसे अपने अकाउंट से इनकैश करा सकता है. वहीं चेक अकाउंट में जमा करने के साथ-साथ बीयरर द्वारा भी इनकैश कराया जा सकता है. अकाउंट में पर्याप्त अमाउंट न होने की स्थिति में चेक बाउंस हो जाता है. लेकिन DD कभी बाउंस नहीं होता क्योंकि इसके लिए ड्राफ्ट बनवाने वाला व्यक्ति पहले ही पेमेंट कर चुका होता है. चेक की सुविधा केवल संबंधित बैंक में अकाउंट रखने वाले को ही होती है, जबकि ड्रॉफ्ट बनवाने के लिए बैंक में अकाउंट होना जरूरी नहीं है.
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DD या चेक, कौन ज्यादा सिक्योर
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रिजर्व बैंक के नियमों के मुताबिक, DD, पे ऑर्डर, बैंक चेक पर बायर का नाम प्रिंट करना अनिवार्य कर दिया है. यह नियम 15 सितंबर 2018 से प्रभावी हो गया है. इसका मकसद मनी लॉन्ड्रिंग की कोशिशों को असंभव बनाना है. चेक को लेकर एक आशंका यह है कि अगर कभी चेक खो जाता है और यह अकाउंट पेई नहीं है तो उसका गलत इस्तेमाल होने के चांस होते हैं. कोई भी व्यक्ति बीयरर बनकर उसे इनकैश करा सकता है. लेकिन DD के साथ ऐसा नहीं है. चूंकि इसके द्वारा केवल अकाउंट में ही पेमेंट होता है, इसलिए इसके खो जाने पर इसे इनकैश नहीं कराया जा सकता. खो जाने की स्थिति में इन्हें कैंसिल कराया जा सकता है.
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DD: इंटरनेशनल ट्रांजैक्शन का एक बेस्ट ऑप्शन
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