यूं ही नहीं RBI ने बैंकों को लगाई फटकार, इन 4 तरीकों से Bank आपके Loan पर वसूलते हैं ज्यादा Interest
हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों और एनबीएफसी को कहा था कि वह ग्राहकों से अतिरिक्त ब्याज (Interest Rate) ना वसूलें. आरबीआई ने कहा था कि इस मामले में निष्पक्ष और पारदर्शी होने की जरूरत है.
Updated on: May 01, 2024, 04.36 PM IST
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1- लोन अप्रूवल की तारीख से ब्याज वसूलना
कई बैंक अपने ग्राहकों से उनके देने वाले लोन पर उसके अप्रूवल की तारीख से ब्याज लगा रहे थे. बैंकों को उस दिन से ब्याज लगाना चाहिए, जब लोन की रकम लोगों के खाते में पहुंच जाए.
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2- चेक जारी करने की तारीख से ब्याज वसूलना
कुछ ऐसा ही चेक के जरिए लोन दिए जाने के मामले में भी देखने को मिला. यह पाया गया कि बैंक चेक की तारीख से ब्याज लगा रहे थे, जबकि चेक कई दिनों बाद ग्राहकों को सौंपा गया और चेक सौंपने की तारीख से ही ब्याज वसूलना चाहिए.
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3- बकाया दिनों नहीं, बल्कि पूरे महीने का ब्याज वसूलना
किसी महीने के दौरान लोन देने या रीपेमेंट के मामले में कुछ बैंक पूरे महीने के लिए ब्याज दर वसूल रहे थे. ऐसे मामले में बैंकों को करना ये चाहिए कि उन्हें महीने के सिर्फ उतने दिनों का ब्याज लेना चाहिए, जितने दिन के लिए लोन बकाया है, ना कि पूरे महीने का ब्याज वसूलना चाहिए.
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4- कुछ किस्तें एडवांस लेकर पूरे लोन पर ब्याज वसूलना
कुछ मामलों में, यह भी देखा गया कि बैंक एक या अधिक किस्तें पहले ही वसूल कर रहे थे, लेकिन लोन की पूरी रकम पर ब्याज कैल्कुलेट कर रहे थे. ये सब देखकर आरबीआई ने कहा कि ब्याज वसूलने की ऐसी गैर-मानक प्रथाएं, जो ग्राहकों के साथ व्यवहार करते समय निष्पक्षता और पारदर्शिता की भावना के अनुरूप नहीं हैं, "गंभीर चिंता" का कारण है.