Personal Loan Tips: इन 5 बातों को रखेंगे याद तो पर्सनल लोन लेने के बाद कभी नहीं होगा पछतावा
पर्सनल लोन की ब्याज दरें काफी ज्यादा होती हैं, इसलिए लोन लेते समय हमें कुछ बातों को खासतौर पर ध्यान रखना चाहिए, ताकि बाद में किसी तरह के पछतावे की गुंजाइश ही न रहे.
जब कभी भी पैसों की जरूरत हो और आपका काम रुक रहा हो तो पर्सनल लोन आपके सामने बेहतरीन विकल्प साबित होता है. इस लोन के लिए आपको बहुत ज्यादा फॉर्मेलिटी की जरूरत नहीं पड़ती और न ही आपको कोई चीज गिरवी रखनी होती है. आपकी इनकम के बेसिस पर पर्सनल लोन आसानी से मिल जाता है. चूंकि पर्सनल लोन की ब्याज दरें काफी ज्यादा होती हैं, ऐसे में आपको लोन लेने से पहले कुछ बातों को ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है, ताकि बाद में किसी तरह का पछतावा न हो.
उतना ही लोन लें जितना चुका पाएं
पर्सनल लोन लेते समय सबसे ज्यादा ध्यान आप अपने लोन अमाउंट का रखें. लोन लेते समय ये ध्यान रखें कि इसका ब्याज कितना ज्यादा है. इसलिए अमाउंट उस हिसाब से ही लें, जिसे आप आसानी से चुका पाएं. ऐसे में लोन राशि के लेते समय एक बार उसकी ईएमआई के बारे में पता कर लें.
ज्यादा लंबे समय के लिए न लें लोन
कई बार लोग ईएमआई छोटी करने के चक्कर में लोन की अवधि बड़ी कर लेते हैं. इससे आपका ही नुकसान होता है. आपकी ईएमआई जरूरी छोटी होती है, लेकिन आपको ब्याज बहुत ज्यादा चुकाना होता है. इसलिए कोशिश करें कि लोन चुकाने की अवधि ज्यादा लंबी न हो.
ब्याज दरों की तुलना करें
पर्सनल लोन का ब्याज 10 प्रतिशत से लेकर 24 प्रतिशत तक हो सकता है. इसलिए लोन लेने से पहले आप कई बैंकों में विजिट करें. ताकि बैंकों की ब्याज दरों की तुलना कर सकें. जहां ब्याज कम हो, वहां से लोन लें. इससे आपकी ईएमआई कम हो जाएगी. ध्यान रखिए ब्याज जितना ज्यादा होगा, ईएमआई उतनी ही बड़ी होगी.
क्रेडिट स्कोर का खयाल रखें
पर्सनल लोन के समय आपके क्रेडिट स्कोर को भी देखा जाता है. अगर आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा नहीं है तो आपको लोन महंगी ब्याज दरों पर मिलेगा. इसलिए आप कोशिश करें कि आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा रहे. इसके अलावा पर्सनल लोन की कुछ शर्तें होती हैं जैसे आपकी इनकम कम से कम 15,000 से 30,000 रुपए के बीच होनी चाहिए. मौजूदा नौकरी का अनुभव एक साल इससे ज्यादा होना चाहिए.
निर्धारित समय पर करें भुगतान
आपने लोन लिया है तो उसकी किस्त को निर्धारित समय पर चुकाने का ध्यान रखें. ऐसा न करने पर आपका सिबिल स्कोर खराब होगा, साथ ही भविष्य में लोन लेने की क्षमता भी प्रभावित होगी.