Personal Loan Pros and Cons: पर्सनल लोन लें या न लें? नफा-नुकसान को जानें फिर खुद करें फैसला
पर्सनल लोन के कुछ फायदे हैं तो कुछ नुकसान भी हैं. आपको ये लोन लेने से पहले इसके नफा-नुकसान के बारे में अच्छे से समझ लेना चाहिए, इसके बाद ही कोई फैसला करें.
पर्सनल लोन एक ऐसा लोन है जिसके अप्रूवल के लिए आपको बहुत जद्दोजहद करने की जरूरत नहीं पड़ती. ये आपको कम समय में आसानी से मिल जाता है. पर्सनल लोन अनसिक्योर्ड लोन की कैटेगरी में आता है यानी इसके लिए आपको किसी तरह की सिक्योरिटी जमा नहीं करनी पड़ती. अगर आपका सिबिल स्कोर अच्छा है और आपकी आमदनी इतनी है कि आप लोन आसानी से चुका सकें तो मुश्किल समय में समय में पैसे की जरूरत को पूरा करने के लिए आप पर्सनल लोन के ऑप्शन को चुन सकते हैं. हालांकि पर्सनल लोन के कुछ फायदे हैं तो कुछ नुकसान भी हैं. आपको ये लोन लेने से पहले इसके नफा-नुकसान के बारे में अच्छे से समझ लेना चाहिए, इसके बाद ही कोई फैसला करें.
जानिए क्या पर्सनल लोन के फायदे (Benefits of Personal Loan)
- शादी, मेडिकल इमरजेंसी या किसी अन्य तरह की इमरजेंसी की कंडीशन में जब आपको पैसों की बहुत जरूरत हो और कहीं से कोई कोई विकल्प नजर न आए तो पर्सनल लोन आपके लिए मददगार साबित हो सकता है. ऐसी स्थिति में इसके तमाम फायदे हैं जैसे-
- पहला फायदा तो ये है कि पर्सनल लोन कोलेट्रल फ्री लोन है. आपको इसके बदले में किसी चीज को गिरवी रखने की जरूरत नहीं पड़ती है.
- होम लोन, कार लोन, टू-व्हीलर लोन आदि के साथ लोन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध जुड़े रहते हैं, लेकिन पर्सनल लोन के साथ ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं होता. आप अपनी मर्जी और जरूरत के हिसाब से इस रकम को कहीं भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
- पर्सनल लोन को चुकाने के लिए आपको अच्छा खासा समय दिया जाता है. इसके लिए फ्लेक्सिबल रिपेमेंट अवधि जुड़ी रहती है जो आमतौर पर 12 महीनों से 60 महीनों के बीच होती है. आप इसे अपनी सहूलियत के हिसाब से चुन सकते हैं.
- आप लोन के रूप में एक बड़ी रकम भी बैंक से ले सकते हैं. हालांकि इसके लिए आपको पात्रता के मानदंडों को पूरा करना होता है.
पर्सनल लोन के नुकसान (Drawbacks of Presonal Loan)
- पर्सनल लोन तभी लेना चाहिए, जब आप बहुत ज्यादा परेशानी में हों और इसे लेने के अलावा आपको कोई विकल्प नजर न आए क्योंकि पर्सनल लोन के कई नुकसान भी होते हैं जैसे- होम लोन, कार लोन आदि के मुकाबले पर्सनल लोन की ब्याज दरें काफी ज्यादा होती हैं. ऐसे में आपको लोन चुकाते समय ज्यादा बड़ी ईएमआई देनी पड़ती है, जिसका असर आपकी जेब पर पड़ता है.
- पर्सनल लोन में इनकम प्रूफ की जरूरत होती है. इनकम प्रूफ के बिना ये नहीं मिलता. जबकि गोल्ड लोन या प्रॉपर्टी लोन के लिए इनकम प्रूफ की जरूरत नहीं होती क्योंकि होमलोन या गोल्ड लोन की तरह कोलेट्रल के आधार पर दिया जाता है. अधिकांश बैंकों में पर्सनल लोन अप्लाई करने के लिए नौकरीपेशा लोगों की सैलरी न्यूनतम 15000 प्रति माह होनी चाहिए.
- पर्सनल लोन में सिबिल स्कोर का अच्छा होना बहुत जरूरी है. सिबिल स्कोर खराब होने पर आपको लोन अप्रूवल में काफी समस्या हो सकती है. अगर मिल भी गया तो महंगी ब्याज दरों के साथ मिलेगा. ऐसे में आपका ईएमआई का बोझ और भी ज्यादा हो जाता है.
- पर्सनल लोन में आपको प्री-पेमेंट चार्ज देना होता है. इसके अलावा पर्सनल लोन में प्रोसेसिंग फीस भी काफी ज्यादा लगती है. अगर आप गोल्ड लोन से तुलना करें तो ये बहुत ज्यादा है. ऐसे में पर्सनल लोन लेने से पहले कई बैंकों में ब्याज दर को लेकर पड़ताल करें. साथ ही प्रोसेसिंस फीस और प्री-पेमेंट के बारे में पता कर लें. जहां सबसे सस्ता मिले, वहां से ही लोन लें.
- वहीं एक बात और नोट करने वाली है, वो ये कि अगर आप बार-बार और जल्दी-जल्दी पर्सनल लोन लेते हैं, तो इससे बैंक को मैसेज जाता है कि आपकी लोन पर निर्भरता बहुत ज्यादा है. इससे आपका सिबिल स्कोर प्रभावित हो सकता है.