Personal Loan को प्री-क्लोज कराने के हैं दो तरीके, लेकिन कोई भी फैसला लेने से पहले जान लें ये बातें
लोन लेने के बाद लंबे समय तक बार-बार ईएमआई भरने का झंझट तमाम लोगों को खटकता है. ऐसे में लोग निर्धारित समय से पहले पेमेंट करके लोन को क्लोज कराने का प्रयास करते हैं.
पर्सनल लोन मुश्किल समय में काफी मददगार साबित होता है. जब आपको कहीं से किसी मदद की उम्मीद न दिखे, ऐसे में आप पर्सनल लोन लेकर अपनी जरूरत को पूरा कर सकते हैं. पर्सनल लोन अन्य लोन के मुकाबले आसानी से मिल जाता है और इसके लिए आपको किसी प्रॉपर्टी आदि को गिरवी रखने की जरूरत भी नहीं पड़ती है. लेकिन लोन लेने के बाद लंबे समय तक बार-बार ईएमआई भरने का झंझट तमाम लोगों को खटकता है. ऐसे में लोग निर्धारित समय से पहले पेमेंट करके लोन को क्लोज कराने का प्रयास करते हैं. अगर आपने भी पर्सनल लोन लिया है और इसे प्रीक्लोज कराना चाहते हैं, तो यहां जानिए किस-किस तरीके से आप अपने पर्सनल लोन को प्री-क्लोज करवा सकते हैं.
लोन प्री-पेमेंट क्लोजर
लोन की अवधि खत्म होने से पहले जब आप लोन को क्लोज करते हैं, तो उसे लोन प्री-क्लोजर या लोन प्री-पेमेंट क्लोजर कहा जाता है. सभी बैंकों के लॉक-इन पीरियड अलग-अलग होते हैं, जिसके पहले लोन क्लोज करवाया जा सकता है. कुछ बैंक प्रीक्लोजर पर शुल्क लगाते हैं जबकि कुछ बैंक इसके लिए चार्ज नहीं वसूलते हैं. ऐसे में लोन को समय से पहले क्लोज कराने के लिए आपको पहले बैंक से बात कर लेनी चाहिए.
पर्सनल लोन पार्ट पेमेंट
अगर आपके पास एक साथ लोन को खत्म करने का पैसा नहीं है, तो समय-समय पर आंशिक भुगतान करके भी आप लोन को समय से पहले क्लोज करवा सकते हैं. इसमें आप पर जब भी थोड़ा पैसा इकट्ठा हो जाए, आप इसका भुगतान कर दें. इसमें आपको दो विकल्प मिलते हैं- पहला ये कि आपकी ईएमआई छोटी हो जाती है और दूसरा लोन पीरियड कम हो जाता है. आप इसमें से कौन सा विकल्प चुनना चाहते हैं, ये आप पर निर्भर करता है. पार्ट पेमेंट के लिए आपको बैंक में आवेदन करना होता है.
रेगुलर क्लोज
इसमें ग्राहक तय समय तक हर महीने अपनी EMI का भुगतान करता है. EMI पूरी हो जाने के बाद आखिरी किस्त होते ही लोन क्लोजर के लिए बैंक से संपर्क किया जाता है. इसके लिए आप चाहें तो कस्टमर केयर से भी बात कर सकते हैं.
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प्री-क्लोजर में फायदा या नुकसान
पर्सनल लोन पार्ट पेमेंट या प्री-पेमेंट क्लोजर को लेकर तमाम बैंक चार्ज वसूलते हैं, साथ ही इंट्रेस्ट में नेट प्रॉफिट उस चार्ज से कहीं ज्यादा होता है. इसके अलावा जानकारों का मानना है लोन प्री-क्लोजर का विकल्प तभी चुना जाना चाहिए, जब आपका क्रेडिट स्कोर पहले से काफी अच्छा है. अगर आपका क्रेडिट स्कोर सुधर रहा है तो इस स्थिति में प्री-क्लोजर का विकल्प न चुनें, इसका नुकसान आपको झेलना पड़ सकता है.