कई बार ऐसी सिचुएशन सामने होती है कि आपको पैसों की बहुत जरूरत होती है, लेकिन पैसों का इंतजाम कहीं से नहीं हो पाता, तब आप पर्सनल लोन (Personal Loan) लेकर काम चला लेते हैं. पर्सनल लोन आसानी से मिल जाता है, इसलिए इसे इमरजेंसी लोन भी कहा जाता है. लेकिन पर्सनल लोन का ब्‍याज बहुत ज्‍यादा होता है. ऐसे में व्‍यक्ति को बाद में इसे चुकाना बहुत भारी काम लगता है. अगर आपने भी पर्सनल लोन लिया है और आपको लगता है कि आपका बैंक आपसे पर्सनल लोन पर ब्‍याज बहुत ज्‍यादा वसूल रहा है तो आप पर्सनल लोन बैलेंस ट्रांसफर (Personal Loan Balance Transfer) का ऑप्‍शन चुन सकते हैं. ये आपको काफी राहत दे सकता है.

जानिए क्‍या होता है बैलेंस ट्रांसफर

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बैलेंस ट्रांसफर एक ऐसा तरीका है जिसके जरिए आप अपने रनिंग लोन को एक बैंक से दूसरे बैंक में ट्रांसफर करवा सकते हैं. ज्‍यादातर लोग लोन की बढ़ी हुई ब्‍याज दरों से राहत पाने के लिए ये फैसला लेते हैं. अगर आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा है तो दूसरे बैंक बहुत आसानी से आपको मौजूदा इंट्रेस्ट रेट के मुकाबले सस्ता लोन ऑफर कर देते हैं. ब्‍याज दर कम होने से आपकी ईएमआई भी कम हो जाती है. 

बैलेंस ट्रांसफर के और क्‍या फायदे हैं?

बैलेंस ट्रांसफर का सबसे पहला फायदा तो रनिंग लोन पर चल रही मौजूदा ब्‍याज दरों से बेहतर ब्‍याज दर लेना है, ताकि ईएमआई के बोझ को कम किया जा सके.

इसका दूसरा फायदा ये है कि बैलेंस ट्रांसफर सुविधा का इस्‍तेमाल करके उधारकर्ता अपने मौजूदा पर्सनल लोन की शेष अवधि की तुलना में लंबी अवधि का विकल्प चुन सकते हैं. अवधि लंबी होने से भी ईएमआई छोटी हो जाती है. हालांकि इसकी वजह से उधारकर्ता को अधिक ब्याज का भुगतान करना पड़ सकता है.

तीसरा फायदा टॉप अप लोन का है. कई बैंक अपने मौज़ूदा पर्सनल लोन को ट्रांसफर करने वालों को टॉप-अप पर्सनल लोन की सुविधा भी देते हैं. टॉप-अप पर्सनल लोन ग्राहकों को अपने मौजूदा लोन के अलावा अधिक पैसे उधार लेने में सक्षम बनाता है. 

बैलेंस ट्रांसफर के समय फीस

पर्सनल लोन बैलेंस ट्रांसफर के लिए नए बैंक में कोई कौलटैरल जमा करने की जरूरत नहीं होती है. लेकिन  इसके लिए आपको अपने मौजूदा बैंक को फोरक्‍लोजर फीस और लोन ट्रांसफर शुल्क का भुगतान करना पड़ता है. इसके अलावा नया बैंक जहां पर आप अपने लोन को ट्रांसफर करवा रहे हैं, वहां आपको स्टाम्प ड्यूटी के साथ लोन प्रोसेसिंग फीस और अन्य फीस देनी पड़ सकती है, जो आमतौर पर नए पर्सनल लोन के लिए आवेदन करते समय वसूली जाती है.