Personal Loan और Credit Card कर्ज के दो अलग-अलग तरीके, किस समय किसका इस्तेमाल करने में है समझदारी?
पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड दोनों काफी हद तक मिलते-जुलते से लगते हैं, लेकिन इनके बीच काफी फर्क है. यहां जानिए इसके बारे में.
पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड दोनों ही अनसिक्योर्ड लोन की कैटेगरी में आते हैं और आसानी से कर्ज उपलब्ध कराने वाले साधन हैं. मुश्किल समय में ये एक साथी की तरह आपके लिए रकम का इंतजाम करने में मददगार होते हैं. लेकिन इन दोनों के बीच काफी फर्क है और दोनों की उपयोगिता भी अलग-अलग है. इसलिए आपको इनके बीच का अंतर मालूम होने के साथ ये पता होना बहुत जरूरी है कि कब क्रेडिट कार्ड और कब पर्सनल लोन का इस्तेमाल करने में है समझदारी है. आइए जानते हैं इसके बारे में.
क्रेडिट कार्ड के लिए बैंक कस्टमर होना जरूरी नहीं
क्रेडिट कार्ड से लोन लेने की स्थिति में आपका उस बैंक का कस्टमर होना जरूरी नहीं है, जबकि अगर आप पर्सनल लोन लेना चाहते हैं तो आपका उस बैंक में अकाउंट होना बहुत जरूरी है. तभी आप पर्सनल लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं.
क्रेडिट कार्ड से बार-बार ले सकते हैं लोन
क्रेडिट कार्ड और पर्सनल लोन में एक बड़ा अंतर ये है कि क्रेडिट कार्ड में लोन की राशि का भुगतान करने के बाद आप उसी क्रेडिट कार्ड से फिर से नया लोन लेने के पात्र बन जाते हैं यानी क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल आप बार-बार लोन लेने के लिए कर सकते हैं. लेकिन पर्सनल लोन के साथ ऐसा नहीं है. एक पर्सनल लोन लेने के बाद अगर आप दोबारा पर्सनल लोन लेना चाहते हैं, तो फिर से आपको इसके लिए अप्लाई करना होगा. उस समय एक बार फिर से आपका क्रेडिट स्कोर देखा जाएगा और सारे मापदंडों को परखा जाएगा. अगर आपका सिबिल स्कोर अच्छा होगा तो लोन दोबारा भी आपको आसानी से मिल जाएगा और इसकी ब्याज दर भी कम लग सकती है. लेकिन अगर क्रेडिट स्कोर अच्छा नहीं है, तो दोबारा पर्सनल लोन मिलने में मुश्किल हो सकती है. इसके अलावा बार-बार पर्सनल लोन लेने से आपके सिबिल स्कोर पर भी बुरा असर पड़ता है.
पर्सनल लोन में ग्रेस पीरियड नहीं मिलता
क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल पिछले कुछ समय में इसलिए भी तेजी से बढ़ा है क्योंकि इसमें लोन चुकाने के लिए आपको कुछ समय का ग्रेस पीरियड मिल जाता है. अगर इस ग्रेस पीरियड में लोन चुका दिया जाए तो लोन की रकम को बिना ब्याज के लौटा सकते हैं. पर्सनल लोन के साथ आपको ये विकल्प नहीं मिलता. पर्सनल लोन लेने के बाद अगले महीने से ही आपको ब्याज समेत ईएमआई चुकानी होती है.
क्रेडिट कार्ड के लिए बहुत ज्यादा फॉर्मेलिटीज की जरूरत नहीं
पर्सनल लोन लेने के लिए आपको कुछ जरूरी डॉक्यूमेंट्स बैंक को देने होते हैं. आपकी सैलरी वगैरह के मापदंडों को परखा जाता है. इसके बाद ही आपका लोन अप्रूव होता है. जबकि क्रेडिट कार्ड के लिए बहुत ज्यादा फॉर्मेलिटीज की जरूरत नहीं होती है.
पर्सनल लोन पर रिवार्ड पॉइंट्स और डिस्काउंट नहीं मिलते
क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल पर आपको रिवार्ड पॉइंट्स, गिफ्ट कार्ड्स , वाउचर्स, डिस्काउंट और कैशबैक के फायदे मिलते हैं. लेकिन पर्सनल लोन में आपको इस तरह के ऑफर्स नहीं मिलते हैं.
पर्सनल लोन क्लोज करने के नियम भी अलग
क्रेडिट कार्ड के अमाउंट को आप ग्रेस पीरियड में एक साथ चुका सकते हैं. इसके अलावा क्रेडिट कार्ड का लोन अमाउंट अगर ज्यादा हो तो आपको उसे ईएमआई में बदलवाने का भी ऑप्शन मिल जाता है. हालांकि इसके लिए आपको प्रोसेसिंग फीस, प्रीपेमेंट चार्ज और जीएसटी जैसे कई चार्ज देने पड़ते हैं. लेकिन पर्सनल लोन को एक निश्चित अवधि से पहले एकमुश्त रकम देकर बंद नहीं कराया जा सकता. अगर आप ऐसा करते हैं तो तमाम बैंक इसके लिए पेनल्टी वसूलते हैं.
क्रेडिट कार्ड या पर्सनल लोन, क्या है बेहतर ऑप्शन?
क्रेडिट कार्ड या पर्सनल लोन दोनों में से किस ऑप्शन को बेहतर माना जाए? इस मामले में ज्यादातर विशेषज्ञों का मानना है कि क्रेडिट कार्ड से लोन लेना उस वक्त सही है जब आपको एक छोटी अवधि के लिए छोटी राशि का लोन लेना हो क्योंकि आप इसे आसानी से ग्रेस पीरियड में चुका सकते हैं. अगर आपने बड़ी राशि क्रेडिट कार्ड के जरिए ले ली और उसे ग्रेस पीरियड में नहीं चुका पाए तो आपको भारी-भरकम ब्याज देना पड़ सकता है, जिसके कारण आप कर्ज के जाल में भी उलझ सकते हैं.
इसलिए अगर आपको एक बड़ी राशि की जरूरत हो और कहीं से पैसों का इंतजाम न हो, तो क्रेडिट कार्ड की बजाय पर्सनल लोन का विकल्प चुनने में समझदारी है. इसमें लोन चुकाने के लिए आपको ज्यादा समय मिल जाता है. इससे ईएमआई भी छोटी हो जाती है और आप आसानी से इसे चुका सकते हैं.