बंद हो सकते हैं Paytm, PhonePe, Amazon Pay जैसे मोबाइल वॉलेट्स, जानिए क्या है वजह
आरबीआई के निर्देशानुसार, अगर 31 अगस्त तक केवाईसी नहीं होता तो 1 सितंबर से उस यूजर का मोबाइल वॉलेट पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा.
पेटीएम, मोबिक्विक, ओला मनी, फोन-पे जैसे मोबाइल वॉलेट इस्तेमाल करने वाले यूजर्स को बड़ा झटका लग सकता है. 1 सितंबर 2019 से इन मोबाइल वॉलेट को बंद किया जा सकता है. दरअसल, आरबीआई ने सभी मोबाइल वॉलेट कंपनियों को 31 अगस्त तक सभी यूजर्स का केवाईसी कराने के निर्देश दिया था. इससे पहले केवाईसी की डेडलाइन 31 मार्च 2019 थी, जिसे अगस्त तक बढ़ा दिया गया था. आरबीआई के निर्देशानुसार, अगर 31 अगस्त तक केवाईसी नहीं होता तो 1 सितंबर से उस यूजर का मोबाइल वॉलेट पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा.
केवाईसी नॉर्मस नहीं हुआ पूरा
रिजर्व बैंक ने देश में लाइसेंस प्राप्त सभी मोबाइल वॉलेट कंपनियों को अपने ग्राहकों का केवाईसी नॉर्म्स पूरा करने के लिए 31 अगस्त 2019 तक का वक्त दिया था. ज्यादातर कंपनियां आरबीआई के इस आदेश को पूरा नहीं कर पाई हैं. अब सिर्फ तीन दिन बचे हैं. अगर तीन दिन में केवाईसी प्रक्रिया पूरी नहीं होती तो कई कंपनियों के मोबाइल वॉलेट बंद कर दिए जाएंगे.
पेमेंट्स इंडस्ट्री को सता रहा है डर
दरअसल, पेमेंट्स इंडस्ट्री को यह डर है कि सभी ग्राहकों का वेरिफिकेशन यानी KYC अगस्त 2019 तक पूरी नहीं होगा. आरबीआई ने KYC के लिए यह डेडलाइन तय की हुई है. RBI ने मोबाइल वॉलेट्स कंपनी को अक्टूबर 2017 में निर्देश दिया था कि वे नो योर कस्टमर गाइडलाइंस के तहत ग्राहकों की जानकारी जुटाएं. लेकिन, अभी तक काफी यूजर्स का केवाईसी पूरा नहीं हुआ है. ज्यादातर कंपनियों ने ग्राहकों का बायोमीट्रिक या फिजिकल वेरिफिकेशन नहीं कराया है.
ई-केवाईसी में दिक्कत
आधार की अनिवार्यता पर आए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आरबीआई ने गाइडलाइंस जारी की थीं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि प्राइवेट कंपनियां ग्राहकों के पेपरलेस वेरिफिकेशन के लिए आधार डेटाबेस का इस्तेमाल नहीं कर सकतीं. अब दिक्कत यह है कि कंपनियां ई-केवाईसी नहीं कर पा रही हैं. साथ ही दूसरे तरीकों को लेकर RBI की तरफ से कोई स्पष्ट निर्देश नहीं हैं. केवाईसी के लिए वीडियो वेरिफिकेशन या XML आधारित केवाईसी को आरबीआई ने अभी तक मंजूरी नहीं दी है.
4 साल पहले शुरू हुई थी डिजिटल पमेंट
मोबाइल वॉलेट्स के जरिए करीब 4 साल पहले डिजिटल पेमेंट की शुरुआत हुई थी. हालांकि, पहले के मुकाबले अब कुछ ही प्लेयर्स इस सेगमेंट में बचे हैं. इनमें पेटीएम, मोबीक्विक, फोन-पे, अमेजन-पे शामिल हैं. ज्यादातर मोबाइल वॉलेट् पीपीआई लाइसेंसधारक या फिर यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस पर काम कर रहे हैं.
90 प्रतिशत अकाउंट हो सकते हैं बंद
देश में अभी सिर्फ 10 फीसदी से मोबाइल वॉलेट यूजर्स ने केवाईसी कंपनियों को दिया है. ऐसे में 90 फीसदी से ज्यादा मोबाइल वॉलेट अकाउंट बिना केवाईसी के चल रहे हैं. अब इन 90 फीसदी यूजर्स के अकाउंट बंद हो सकते हैं.
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