वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) सरकारी बैंकों के वित्तीय प्रदर्शन तथा उनके कारोबार की वृद्धि की समीक्षा करने के लिये इन बैंकों के प्रबंध निदेशकों (MD) और मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (CEO) के साथ शनिवार को बैठक करेंगी. सूत्रों ने बताया कि मांग और उपभोग को तेज करने में बैंकों की भूमिका को देखते हुए बजट से पहले सरकारी बैंकों के सीईओ और प्रबंध निदेशकों के साथ वित्त मंत्री की यह बैठक विशेष महत्व रखती है. निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी, 2020 को अपना दूसरा पूर्ण बजट पेश कर सकती हैं.

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सूत्रों के अनुसार, सीतारमण बैंकों द्वारा लिये जाने वाले मर्चेंट डिस्काउंट रेट शुल्क तथा रूपे कार्ड के जरिये प्रधानमंत्री जन-धन योजना (Pradhan Mantri Jan Dhan Yojana) के खाताधारकों को खाते में मौजूदा राशि से अधिक की निकासी करने की सुविधा देने से संबंधित बजट घोषणाओं की भी समीक्षा करेंगी. पीटीआई की खबर के मुताबिक, इस बैठक में सरफेसी अधिनियम के तहत संपत्तियों की नीलामी के ऑनलाइन मंच के बारे में भी चर्चा की जा सकती है.

सूत्रों ने कहा कि बैठक में राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) के जरिये तथा अन्य उपायों से गैर-निष्पादित संपत्तियों (NPA) की वसूली के बारे में भी चर्चा हो सकती है. बैंकों ने पिछले चार साल में 4,01,393 करोड़ रुपये के एनपीए वसूले हैं. इनमें सिर्फ 2018-19 में ही 1,56,702 करोड़ रुपये वसूल किये गए.

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सूत्रों ने कहा कि बैठक में बैंकिंग क्षेत्र के हालातों पर चर्चा हो सकती है तथा उन्हें ऋण वितरण की वृद्धि दर तेज करने को कहा जा सकता है. इसके अलावा बैंकों को रेपो दर में की गई कटौती का पूरा लाभ उपभोक्ताओं को देने के लिये भी कहा जा सकता है. हाल में बैंकों के एनपीए में हालांकि गिरावट का रुख देखा जा रहा है. बैंक इस समय फंसे कर्ज की वसूली पर विशेष तौर पर ध्यान दे रहे हैं.