हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां अब बिल्डर्स की 80:20 या उसके जैसी दूसरी स्कीम फाइनेंस नहीं कर पाएंगी. हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों के रेगुलेटर नेशनल हाउसिंग बैंक (NHB) ने इस पर सर्कुलर जारी कर सख्ती बढ़ाई है. दरअसल, लुभावनी स्कीमों में फंसकर ग्राहक लोन लेकर घर तो ले लेते हैं, लेकिन बाद में वह उस स्कीम को पूरा नहीं कर पाते है, जिसके चलते लोन देने वाली कंपनियों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है.

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राष्ट्रीय आवास बैंक (एनएचबी) ने बिल्डर्स द्वारा लुभावनी स्कीमों पर लगाम लगाने के लिए नए नियम जारी किए हैं. एनएचबी ने नए निर्देशों के मुताबिक, अब कोई भी बिल्डर घर खरीदार की ईएमआई का भुगतान नहीं करेगा. बिल्डर्स द्वारा चलाई जा रही 80:20 जैसी स्कीम पर होम लोन न दिया जाएगा. 

बिल्डर अपने प्रोजेक्ट बेचने के लिए अक्सर इंसेंटिव वाली स्कीम लॉन्च करते हैं. एनएचबी ने साफ कहा है कि इंसेंटिव वाली स्कीम पर होम लोन नहीं दिया जाएगा. 

एनएचबी ने साफ कहा है कि ग्राहकों से धोखाधड़ी की शिकायत की वजह से उसने यह रोक लगाने का फैसला किया है. कई बार बिल्डर्स की गड़बड़ी से ग्राहक और लोन देने वाली कंपनी को नुकसान उठाना पड़ता है. इंसेंटिव और 80:20 वाली स्कीम दिल्ली-एनसीआर में काफी लोकप्रिय हैं. लेकिन इनका रिजल्ट नुकसानदायक ही होता है.

क्या होती हैं 80:20 स्कीम

-बिल्डर्स के लिए सस्ते फाइनेंस का ज़रिया हैं ऐसी स्कीम.

-केवल 20% रकम जमाकर, फ्लैट की बुकिंग की स्कीम.

-पजेशन देने तक बिल्डर EMI भरने का दावा करते हैं.

-बिल्डर्स को बदले में होम लोन का पैसा मिल जाता है.

-महंगे प्रोजेक्ट के लिए होता है इस स्कीम का इस्तेमाल.