भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कोरोनावायरस महामारी (Coronavirus epidemic) शुरू होने के बाद पिछले 45 दिन में बाजार में 1.2 करोड़ रुपये के नए नोट डाले हैं. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि दूरस्थ इलाकों में बैंकिंग सेवाएं पहुंचाने वाले कारोबारी प्रतिनिधि तथा एटीएम (ATM) मशीनें पूरी क्षमता से काम कर रही हैं, ताकि हर किसी के पास वित्तीय सेवाएं पहुंच सकें.

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दास ने यह जानकारी ऐसे समय दी है जब मार्च में कैश ट्रांजेक्शन में 86 हजार करोड़ रुपये की उछाल की खबरें आ रही हैं. दास ने वीडियो के माध्यम से सोशल मीडिया पर बताया कि कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर बढ़ी मांग को देखते हुए रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय कार्यालयों (RO) ने 1 मार्च से 14 अप्रैल के दौरान देश भर में फैले करेंसी चेस्ट तक 1.2 लाख करोड़ की नई करेंसी की सप्लाई की है.

उन्होंने ऐसे मौके पर आगे आकर सेवाएं मुहैया कराने तथा आने-जाने की चुनौतियों के बाद भी एटीएम में लगातार पैसे डालते रहने के लिये बैंकों की सराहना की. उन्होंने कहा कि इस दौरान इंटरनेट या मोबाइल बैंकिंग कभी भी धीमा नहीं पड़ा. रिजर्व बैंक के गवर्नर ने बताया कि रिजर्व बैंक के 150 अधिकारी अलग (क्वारंटीन) किए गए हैं तथा वे कैश के प्रवाह, थोक एवं खुदरा भुगतान तथा निपटान प्रणाली का ध्यान रख रहे हैं.

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बता दें, भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने कोविड-19 संकट के बीच शुक्रवार को वित्तीय प्रणाली (financial system) में तरलता (Liquidity) या नकदी बढ़ाने के लिए कई कदमों की घोषणा की. केंद्रीय बैंक ने जहां रिवर्स रेपो दर में चौथाई प्रतिशत की कटौती की है, वहीं 50,000 करोड़ रुपये के लक्षित दीर्घावधि के रेपो परिचालन (TLTRO) तथा नाबार्ड, सिडबी और राष्ट्रीय आवास बैंक (सिडबी) के लिए पुनर्वित सुविधा की घोषण की है.