मार्च 2019 तक बंद हो सकते हैं Paytm, Amazon Pay जैसे मोबाइल वॉलेट्स, RBI लेगा फैसला
अगर आप मोबाइल वॉलेट का इस्तेमाल करते हैं तो आपको झटका लग सकता है. दरअसल, रिजर्व बैंक मार्च से देश भर में चल रहे कई मोबाइल वॉलेट बंद करने पर फैसला कर सकता है.
अगर आप मोबाइल वॉलेट का इस्तेमाल करते हैं तो आपको झटका लग सकता है. दरअसल, रिजर्व बैंक मार्च से देश भर में चल रहे कई मोबाइल वॉलेट बंद करने पर फैसला कर सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि मोबाइल वॉलेट कंपनियों ने रिजर्व बैंक के एक अहम आदेश को पूरा नहीं किया है. अगर नियम पूरा नहीं होता तो मोबाइल वॉलेट को बंद कर दिया जाएगा. आरबीआई के इस आदेश को 1 मार्च तक पूरा करना होगा. अगर ऐसा नहीं हुआ तो आपका मोबाइल वॉलेट अकाउंट बंद कर दिए जाएंगे.
केवाईसी नॉर्मस नहीं हुआ पूरा
रिजर्व बैंक ने देश में लाइसेंस प्राप्त सभी मोबाइल वॉलेट कंपनियों को अपने ग्राहकों का केवाईसी नॉर्म्स पूरा करने के लिए 28 फरवरी 2019 तक का वक्त दिया था. ज्यादातर कंपनियां आरबीआई के इस आदेश को पूरा नहीं कर पाई हैं. अगर फरवरी तक यह पूरा नहीं हुआ तो देश भर में कई कंपनियों के मोबाइल वॉलेट बंद हो जाएंगे.
पेमेंट्स इंडस्ट्री को सता रहा है डर
दरअसल, पेमेंट्स इंडस्ट्री को यह डर है कि सभी ग्राहकों का वेरिफिकेशन यानी KYC फरवरी 2019 तक पूरी नहीं होगा. आरबीआई ने KYC के लिए यह डेडलाइन तय की हुई है. RBI ने मोबाइल वॉलेट्स कंपनी को अक्टूबर 2017 में निर्देश दिया था कि वे नो योर कस्टमर गाइडलाइंस के तहत ग्राहकों की जानकारी जुटाएं. इकोनॉमिक टाइम्स की एक खबर के मुताबिक, अभी तक मोबाइल वॉलेट कंपनियां काफी कम लोगों की जानकारी जुटा सकी हैं. ज्यादातर कंपनियों ने ग्राहकों का बायोमीट्रिक या फिजिकल वेरिफिकेशन नहीं किया है.
ई-केवाईसी में दिक्कत
आधार की अनिवार्यता पर आए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आरबीआई ने गाइडलाइंस जारी की थीं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि प्राइवेट कंपनियां ग्राहकों के पेपरलेस वेरिफिकेशन के लिए आधार डेटाबेस का इस्तेमाल नहीं कर सकतीं. अब दिक्कत यह है कि कंपनियां ईकेवाईसी नहीं कर पा रही हैं. साथ ही दूसरे तरीकों को लेकर RBI की ओर से कोई स्पष्ट निर्देश नहीं हैं. केवाईसी के लिए वीडियो वेरिफिकेशन या XML आधारित केवाईसी को आरबीआई ने अभी तक मंजूरी नहीं दी है.
4 साल पहले शुरू हुई थी डिजिटल पमेंट
मोबाइल वॉलेट्स के जरिए करीब 4 साल पहले डिजिटल पेमेंट की शुरुआत हुई थी. हालांकि, पहले के मुकाबले अब कुछ ही प्लेयर्स इस सेगमेंट में बचे हैं. इनमें पेटीएम, मोबीक्विक, फोन-पे, अमेजन-पे शामिल हैं. ज्यादातर मोबाइल वॉलेट् पीपीआई लाइसेंस धारक या फिर यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस पर काम कर रहे हैं.
95 प्रतिशत अकाउंट हो सकते हैं बंद
अभी पूरे देश में 5 फीसदी से कम मोबाइल वॉलेट उपभोक्ताओं ने अपने केवाईसी कंपनियों को दिया है. ऐसे में देश में 95 फीसदी से अधिक मोबाइल वॉलेट अकाउंट बिना केवाईसी के चल रहे हैं. अब इन 95 फीसदी उपभोक्ताओं के अकाउंट के बंद होने की आशंका है.