देश में लॉकडाउन (Lockdown) पीरियड 17 मई तक बढ़ा दिए जाने के बाद भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अब बैंकों के लोन कि वापसी पर लगाई गई रोक की पीरियड को भी तीन महीने के लिए और बढ़ाने पर विचार कर रहा है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, सेंट्रल बैंक ने कोरोनावायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) को कंट्रोल करने के लिए लगाए लॉकडाउन की वजह से प्रभावित लोगों की मदद को ध्यान में रखते हुए उन्हें तीन महीने तक बैंक लोन की ईएमआई (EMI) चुकाने से छूट दी है. यह छूट 31 मई तक के लिए दी गई थी.

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सूत्रों का कहना है कि अब जबकि सरकार ने लॉकडाउन पीरियड को 17 मई तक बढ़ा दिया है तब यह माना जा रहा है कि लोन की ईएमआई के पेमेंट में छूट के पीरियड को भी आगे बढ़ाया जाना चाहिए. भारतीय बैंक संघ सहित कई क्षेत्रों से इस पीरियड को बढ़ाने के बारे में सुझाव दिए गए हैं.

सूत्रों का कहना है कि देशभर में लॉकडाउन को 17 मई तक बढ़ा दिए जाने के कारण कमाई का पहिया तेजी से आगे नहीं बढ़ पाएगा. ऐसी स्थिति में कई उद्योग, फर्म और व्यक्ति अपने लोन की ईएमआई नहीं चुका पाएंगे. रिजर्व बैंक की तीन महीने की छूट 31 मई को खत्म हो रही है.

एक सीनियर सरकारी अधिकारी ने कहा कि ऐसे में लोन वापसी पर रोक की पीरियड को तीन महीने आगे बढ़ाना रेगुलेटर की तरफ से व्यावहारिक कदम होगा. अधिकारी ने कहा कि ऐसे मुश्किल समय में इस तरह का कदम लोन लेने वालों और बैंक दोनों के लिए मददगार होगा.

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रिजर्व बेंक ने 27 मार्च को बैंकों और वित्तीय संस्थानों को ग्राहकों के 1 मार्च 2020 को बकाया सभी तरह के टर्म लोन पर वापसी किस्तों के भुगतान में तीन माह के लिए रोक लगाने की पेशकश करने को कहा था. रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने शनिवार को सरकारी एवं प्राइवेट क्षेत्र के बैंकों के साथ बैठक की थी. इस बैठक में दूसरे मुद्दों के अलावा कर्ज वापसी पर रोक के मुद्दे की समीक्षा भी की गई.