मोदी सरकार ने आम जनता के हित में बड़ा फैसला लिया है. बैंकिंग सेवाओं खासकर जनधन खातों को GST के दायरे से बाहर कर दिया है. इससे अब जनधन खाता ग्राहकों को NEFT, डेबिट कार्ड सुविधा, चेक क्‍लीयरिंग सुविधा आदि पर जीएसटी नहीं देना होगा. बैंकिंग सेवाओं पर 1 जुलाई 2017 से कर की दर 15 प्रतिशत की बजाय 18 प्रतिशत हो गई थी. क्‍योंकि जीएसटी के तहत सेवाकर की दर में बदलाव 1 जुलाई, 2017 से प्रभावी है.

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ग्राहक जीएसटी लगने की बात से थे अनजान

अब तक ये साफ नहीं था कि बैंक की किन सेवाओं पर कितना जीएसटी लगता है. CBDT ने साफ किया है कि कि‍न सेवाओं पर जीएसटी लगेगा और कौन सी सेवाएं जीएसटी से मुक्‍त रहेंगी. इनमें सबसे बड़ी सेवा है एटीएम से निकासी है. इसके तहत 1 माह में तय सीमा से ज्‍यादा ट्रांजैक्‍शन पर प्रति ट्रांजैक्‍शन 10 रुपए से 25 रुपए तक चार्ज देना पड़ता है. इस चार्ज के साथ आपको जीएसटी का भुगतान भी करना होगा. पर जनधन खाता धारकों को इससे राहत दी गई हैैै.

इन भुगतान पर लगता है जीएसटी

> अगर आप क्रेडिट कार्ड धारक हैं और बिल पेमेंट समय पर नहीं करते हैं तो बैंक आपसे लेट पेमेंट चार्ज वसूलता है. इस पर जीएसटी लगता है. अगर आप ज्‍यादा पन्‍नों वाली चेक बुक लेते हैं तो आपको जीएसटी देना होता है. ऐसे में शुल्‍क देते हुए चेकबुक या बैंक स्‍टेटमेंट हासि‍ल करने पर उस शुल्‍क पर जीएसटी भी लगेगा. जीएसटी काउंसिल की बैठक में तय हुआ है ि‍कि जनधन खातों में इन भुुुुगतान पर जीएसटी नहीं लगेगा.

> अगर आप होम या अन्‍य कोई लोन कि‍सी दूसरे बैंक में ट्रांसफर करते हैं तो उसके लि‍ए आपको ट्रांजैक्‍शन प्रोसेसिंग फीस देनी होती है. इस फीस पर जीएसटी लगता है. 

> EMI समय पर न देने से अलग से चार्ज लगता है. यह चार्ज भी जीएसटी के दायरे में आता है.