Inflation News: खुदरा महंगाई (मुद्रास्फीति) के नवंबर में घटकर 5.88 प्रतिशत पर आने के साथ नीतिगत दर में वृद्धि का चक्र खत्म होने की संभावना बढ़ी है. यह रेपो दर में बढ़ोतरी के दौर को खत्म करने के लिये प्रोत्साहित करती है. देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई (SBI) के अर्थशास्त्रियों (SBI economists on Inflation) ने एक रिपोर्ट में यह बात कही है. भाषा की खबर के मुताबिक, आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति नवंबर में घटकर 5.88 प्रतिशत पर आ गई. इस साल यह पहला मौका जब खुदरा महंगाई भारतीय रिजर्व बैंक के संतोषजक दायरे में आई है. आरबीआई को मुद्रास्फीति (Inflation) दो से छह प्रतिशत के बीच रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है.

नवंबर की खुदरा मुद्रास्फीति का आंकड़ा दिलाएगा राहत

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खबर के मुताबिक, अर्थशास्त्रियों ने कहा कि नवंबर महीने की खुदरा मुद्रास्फीति का आंकड़ा नीतिगत दर में वृद्धि चक्र को खत्म करने के लिए मददगार साबित हो सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक, आरबीआई के आक्रामक मौद्रिक नीति रुख से घरेलू मुद्रास्फीति (Inflation) को काबू में लाने में मदद मिल सकती है. इसमें कहा गया है कि जबतक अमेरिका में मुद्रास्फीति काबू में नहीं आती है, वहां के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व को नीतिगत दर में वृद्धि करनी पड़ सकती है. 

अमेरिका में महंगाई का होगा असर

अर्थशास्त्रियों (SBI economists on Inflation) का कहना है कि अमेरिका में महंगाई से उभरते बाजारों से पूंजी निकासी बढ़ेगी. इसका असर यह होगा कि एक्सचेंज रेट (विनिमय दर) में उतार-चढ़ाव और रुपये की विनिमय दर में गिरावट आएगी. हालांकि, अर्थशास्त्रियों का कहना है कि सकल मुद्रास्फीति दिसंबर, 2022 और जनवरी, 2023 में बढ़कर फिर 6.5 से 6.7 प्रतिशत हो सकती है. वहीं मार्च, 2023 में इसमें उल्लेखनीय रूप से घटकर पांच प्रतिशत पर आने की संभावना है.

ब्याज दरों में हो गई है जोरदार बढ़ोतरी

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस साल अपनी नीतिगत दरों (रेपो रेट सहित अन्य दरें) में जोरदार बढ़ोतरी कर दी है. इस साल कुल मिलाकर 2.25 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो गई है. रेपो रेट इस वक्त बढ़कर 6.25 प्रतिशत हो गई है. बैंकों ने भी इसके बाद कर्ज महंगा कर दिया है. चाहे आप होम लोन, पर्सनल लोन, कार लोन या अन्य कोई भी लोन लें, आपको फिलहाल ज्यादा ब्याज पर लेना होगा. साथ ही बढ़ते ब्याज से ईएमआई में भी बढ़ोतरी हो चुकी है. 

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