अमेजन पे, मोबिक्विक जैसी मोबाइल वॉलेट सेवा चलाने वाली कंपनियों ने कहा है कि अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) नियमों को लागू करने की मियाद को बढ़ाए जाने से उपभोक्ताओं पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा. उन्होंने कहा है कि इस कदम से भारत की वित्तीय समावेशी पहल पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.

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ई-वॉलेट कंपनियों को राहत देते हुए भारतीय रिजर्व बैंक ने KYC नियमों का पालन करने के लिए समयसीमा को 6 माह के लिए बढ़ा दिया है. इस नियम का पालन कंपनियों को प्रीपेड भुगतान सेवा का उपयोग करने के लिए करना है. इससे पहले कंपनियों को यह काम 28 फरवरी तक पूरा करना था.

मोबिक्विक की सह-संस्थापक और निदेशक उपासना टाकू ने कहा कि समयसीमा बढ़ाए जाने से उपभोक्ताओं के लिए केवाईसी प्रक्रिया पूरी करने के लिए कंपनी को अधिक समय मिल जाएगा.

भारतीय भुगतान परिषद (पीसीआई) के चेयरमैन विश्वास पटेल ने कहा कि समयसीमा बढ़ाये जाने से कंपनियों को अनुपालन की रणनीति पर काम करने का वक्त मिल जाएगा. अमेजन पे का परिचालन करने वाली अमेजन ने कहा है कि केवाईसी के लिए समयसीमा बढ़ाये जाने से ग्राहकों पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा.