पंजाब नेशनल बैंक में हुए 13 हजार 400 करोड़ रुपए के घोटाले के मुख्य आरोपी हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को अब भारत लाना मुश्किल हो सकता है. दरअसल, मेहुल चोकसी ने भारतीय नागरिकता ही छोड़ दी है. उन्होंने अपना भारतीय पासपोर्ट एंटीगुआ हाईकमीशन में जमा कर दिया है. पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के मुख्‍य आरोपी मेहुल चोकसी ने पासपोर्ट नंबर जेड 3396732 कैंसिल्ड बुक्स के साथ जमा कराया गया है. मेहुल चोकसी को भारतीय नागरिकता छोड़ने के लिए 177 अमेरिकी डॉलर का ड्राफ्ट भी जमा कराया है. अब मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण के लिए भारत सरकार को कोई दूसरा ठोस रास्ता तलाशना होगा.

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'नियमों के तहत छोड़ी नागरिकता'

विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव अमित नारंग ने इस संबंध में गृह मंत्रालय को जानकारी दी है. मेहुल चोकसी ने भारतीय नागरिका छोड़ने के लिए जो फॉर्म भरा है, उसमें अपना नया पता जौली हार्बर सेंटर मार्कस एंटीगुआ लिखा है. चोकसी ने भारतीय उच्चायोग से कहा कि उसने नियमों के तहत एंटीगुआ की नागरिकता लेते हुए भारत की नागरिकता छोड़ दी है. चोकसी ने साल 2017 में ही एंटीगुआ की नागरिकता ली थी. मुंबई पुलिस की हरी झंडी के बाद चोकसी को नागरिकता मिली थी.

प्रत्यर्पण से बचना चाहता है चोकसी

भारतीय नागरिकता छोड़कर मेहुल चोकसी प्रत्यपर्ण की कार्रवाई से बचना चाहता है. चोकसी की इस बाबत एंटीगुआ की कोर्ट में 22 फरवरी को सुनवाई है. प्रधानमंत्री कार्यालय ने विदेश मंत्रालय और जांच एजेंसियों से मामले की प्रगति रिपोर्ट मांगी है. मालूम हो कि पीएनबी घोटाले का दूसरा आरोपी नीरव मोदी भी भारत छोड़कर अलग-अलग ठिकानों पर रह रहा है.

'भारत लौटना संभव नहीं है'

करोड़ों रुपए के घोटाले के आरोपी मेहुल चोकसी ने हाल ही में स्वास्थ्य कारणों के चलते भारत आने से इनकार कर दिया था. इसके अलावा उसने तर्क दिया था कि पासपोर्ट रद्द होने की वजह से भारत लौटना 'असंभव' है. कथित धोखाधड़ी की जांच कर रही सीबीआई को 7 मार्च को लिखे एक पत्र में चोकसी ने केंद्रीय जांच ब्यूरो की जांच प्रक्रिया की आलोचना की और उनके परिवार के खिलाफ कानून के गलत इस्तेमाल का आरोप लगाया. चोकसी को सीबीआई के समक्ष 7 मार्च को पेश होने के लिए समन जारी किया गया था. उन्होंने कहा कि वह अपने व्यापार के सिलसिले में विदेश यात्रा पर हैं.