वैश्विक स्तर पर भुगतान सेवाएं प्रदान करने वाली कंपनी अमेरिकी कंपनी मास्टरकार्ड ने भारतीय रिजर्व बैंक से कहा है कि वह एक निश्चित तिथि से भारतीय कार्डधारकों की सूचनाओं (डेटा) को विदेशी कंप्यूटर-सर्वर से डिलीट करने जा रही है. साथ ही कंपनी ने आगाह भी किया है कि इस दौरान कुछ समय के लिए इससे कार्ड की सुरक्षा में कमी भी आ सकती है. मास्टरकार्ड, इंडिया और दक्षिण एशिया प्रभाग के प्रभारी पौरुष सिंह ने कहा कि कंपनी 200 से अधिक देशों में परिचालन करती है, लेकिन भारत के अलावा किसी अन्य देश ने उसे अपने नागरिकों से संबंधित सूचनाओं को विदेशी सर्वर से मिटाने के लिए नहीं कहा है. 

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रिजर्व बैंक के नियम का पालन होगा

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अप्रैल में नए नियम जारी किये थे जिनमें भुगतान कंपनियों को भारतीय नागरिकों के लेन-देन से जुड़े सभी आंकड़े भारत में स्थापित कंप्यूटर डेटा-संग्रह सुविधाओं में ही रखना अनिवार्य कर दिया गया है. यह नियम 16 अक्टूबर से लागू हो गया है. मास्टरकार्ड ने कहा है कि सभी भारतीय के नए लेन-देन से जुड़े आंकड़ों को 6 अक्टूबर से उसके पुणे के तकनीकी केंद्र में स्टोर किया जा रहा है. 

बटन दबाने जितनी आसान प्रक्रिया नहीं

सिंह ने कहा, "आरबीआई को जो प्रस्ताव दिया गया है कि उसमें कहा गया है कि हम सभी जगह से डेटा हटाना शुरू कर देंगे, चाहे वो कार्ड नंबर हो या लेन-देन से जुड़ी जानकारियां हो. आंकड़ों को केवल भारत में स्टोर किया जाएगा. हम आंकड़े हटाने शुरू कर देंगे."

सिंह ने कहा कि आंकड़ों को हटाना बटन दबाने जितनी आसान प्रक्रिया नहीं है क्योंकि लोग आप पर दंड लगा सकते हैं. लेन-देन में विवाद जैसी स्थिति हो सकती है. हमने आरबीआई को प्रस्ताव दे दिया है और उसके जवाब का इंतजार कर रहे हैं.