महाराष्ट्र के कुछ बैंकों सहित देश के कुल 17 सहकारी बैंकों के ग्राहकों को अगले महीने राहत की सांस लेने का मौका मिलेगा. केंद्रीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) की ओर से कई तरह के वित्तीय प्रतिबंध लगाए जाने के कारण इन बैंकों के ग्राहकों का पैसा फंस गया था. अब DICGC यानी कि डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन इन ग्राहकों को उनके डिपॉजिट पर बीमा कवर देगी. DICGC, RBI की सब्सिडियरी कंपनी है जो ऐसी परिस्थितियों में बैंक जमा पर 5 लाख रुपए तक का बीमा कवर देती है. हालांकि, इसकी शर्त यह है कि पांच लाख तक के डिपॉजिट पर ही इंश्योरेंस मिलता है. पांच लाख बीमा राशि लिमिट है. नियम के तहत अमाउंट के इंश्योरेंस की रकम और खाते में जो अमाउंट है, उसमें से जो भी कम राशि होगी, वही राशि डिपॉजिटर को मिलेगी. वहीं, डिपॉजिटर का अगर बैंक के साथ कुछ बकाया है तो उसे भी काटकर अमाउंट देखा जाएगा.

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इन 17 बैंकों में से अकेले आठ महाराष्ट्र के हैं. बाकी उत्तर प्रदेश से चार, पश्चिम बंगाल से एक, आंध्र प्रदेश से एक, कर्नाटक से दो और नई दिल्ली से एक है. आरबीआई ने इन 17 बैंकों की बिगड़ती वित्तीय स्थिति को देखते हुए जुलाई में जमाकर्ताओं की और से पैसों की निकासी सहित कई प्रतिबंध लगाए थे. 

कब तक मिल जाएगा पैसा

DICGC के लास्ट अपडेट के मुताबिक, नियामक इन बैंकों के डिपॉजिटर्स को 5 अक्टूबर से बीमा कवर देना शुरू कर देगा. 15, 19, 25 और 26 अक्टूबर को डिपॉजिटर्स को पैसा दिया जाएगा.

अगर आप भी इन बैंकों पर लगे प्रतिबंधों के भुक्तभोगी हैं तो इस लिंक पर जाकर चेक कर सकते हैं कि किस बैंक के ग्राहक को कब तक पैसा मिल सकता है-

https://www.dicgc.org.in/pdf/2022/PressRelease/PR_BilingualPressRelease_01Aug2022_Eng.pdf

डिपॉजिटर्स को जमा करने होंगे दस्तावेज

DICGC के नियमों के मुताबिक, एलिजिबल डिपॉजिटर्स को कवर पाने के लिए पहचान के वैध दस्तावेज जमा कराने होंगे, इसके जरिए ही वो अपने क्लेम को प्रूव कर पाएंगे. इसके लिए आखिरी तारीख भी तय की गई थी.

क्या है DICGC कानून?

बता दें कि DICGC, आरबीआई की पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सिडियरी कंपनी है, जो बैंक जमा पर 5 लाख रुपये तक का बीमा कवर उपलब्ध कराती है. सरकार ने DICGC का नियम इसलिए शुरू किया ताकि बैंकों के छोटे ग्राहकों को बैंकिंग सिस्टम पर भरोसा हो और वे पूरी सुरक्षा गारंटी के साथ खाते में पैसे जमा कराएं. डीआईसीजीसी द्वारा शुरू किए गए जमा बीमा में सभी कमर्शियल बैंक शामिल हैं, जिनमें स्थानीय क्षेत्र के बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के साथ-साथ सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सहकारी बैंक शामिल हैं.

कौन-कौन से हैं ये सहकारी बैंक

महाराष्ट्र के कॉरपोरेटिव बैंकों की ये है लिस्ट 

- साहेबराव देशमुख सहकारी बैंक (Sahebrao Deshmukh Co-operative Bank), 

- सांगली सहकारी बैंक (Sangli Sahakari Bank), 

- रायगढ़ सहकारी बैंक (Raigad Sahakari Bank), 

- नासिक जिला गिरना सहकारी बैंक (Nashik Zilla Girna Sahakari Bank), 

- साईबाबा जनता सहकारी बैंक (Saibaba Janata Sahakari Bank), 

- अंजनगांव सुरजी नगरी सहकारी बैंक, 

- जयप्रकाश नारायण नगरी सहकारी बैंक (Jaiprakash Narayan Nagari Sahakari Bank) और 

- करमाला अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक (Karmala Urban Co-Operative Bank)

उत्तर प्रदेश के सहकारी बैंक

- लखनऊ अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक (लखनऊ)

- अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक (सीतापुर), 

- नेशनल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक (बहराइच) और 

- यूनाइटेड इंडिया कंपनी को-ऑपरेटिव बैंक (बिजनपुरा) 

कर्नाटक के बैंक

- श्री मल्लिकार्जुन पट्टाना सहकारी बैंक नियमिता (मस्की) और 

- श्री शारदा महिला सहकारी बैंक (तुमकुर)

नई दिल्ली में रामगढ़िया को-ऑपरेटिव बैंक, पश्चिम बंगाल के बीरभूम के सूरी में सूरी फ्रेंड्स यूनियन को-ऑपरेटिव बैंक और आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में दुर्गा को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक का नाम इसमें शामिल है.