रिजर्व बैंक की ओर से जारी किए गए निर्देशों के तहत 1 जनवरी से देश भर में सिर्फ (EMV) चिप एवं पिन वाले डेबिट व क्रेडिट कार्ड ही चलेंगे. रिजर्व बैंक के इस दिशा निर्देश के चलते आम लोगों की चिंता भले न बढ़ी हो लेकिन बैंकों की चिंता बढ़ गई है. दरअसल 01 जनवरी आने में कुछ ही दिन बचे हैं और कई बैंकों में सिर्फ 50 से 70 फीसदी ही मैगनेटिक स्ट्रिप वाले कार्ड बदल पाएं हैं. यह खुलासा अंग्रेजी के अखबार हिंदू बिजनेस लाइन की एक रिपोर्ट में किया गया है.

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अब तक बदल पाए आधे कार्ड

अब तक 50 से 70 फीसदी ही मैगनेटिक स्ट्रिप वाले कार्ड बदल पाने के चलते बैंकों को यह चिन्ता सता रही है कि अंतिम दिनों यदि ग्राहक कार्ड बदलने का दबाव बढ़ाते हैं तो बैंकों को मुश्किल होगी. और यदि ये कार्ड समय से नहीं बदल पाते हैं तो कई ग्राहकों का कार्ड बंद हो जाएगा. जिससे वो लेनदेन नहीं कर पांगे इससे एक तरफ जहां बैंकों का कारोबार प्रभावित होगा वहीं दूसरी तरफ शाखाओं में भीड़ बढ़ेगी.

नए कार्ड के लिए करना होगा आवेदन

रिजर्व बैंक यदि कार्ड बंद किए जाने की समय सीमा को नहीं बढ़ाता है तो बैंक ग्राहकों के पुराने कार्ड बंद कर देंगे. ऐसे में ग्राहकों को नए कार्ड बनवाने के लिए फिर से आवेदन करना होगा. वहीं कुछ बैंक जहां कार्ड मुफ्त में बदल रहे हैं वहीं दूसरी ओर कुछ बैंक कार्ड बदलने के लिए मामूली शुल्क भी ले रहे हैं.

बैंक फ्राड रोकने को लिया ये निर्णय

दरअसल रिजर्व बैंक ने बैंकों के एटीएम व डेबिट कार्ड की क्लोनिंग व उनसे होने वाले फ्राड पर लगाम लगाने के लिए यह निर्णय लिया है. बहुत से बैंकों ने अपने ग्राहकों को नए कार्ड भेज भी दिए हैं. आरबीआई के इस दिशानिर्देश से प्रमुख रूप से मास्टर कार्ड, वीजा व यूरो कार्ड के ग्राहक प्रभावित होंगे.