Bank Loan Transfer: महंगाई के मोर्चे पर राहत देने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से लगातार रेपो रेट में इजाफा किया जा रहा है. सितंबर महीने में आरबीआई ने रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट का इजाफा किया था और इसके बाद रेपो रेट बढ़कर 5.9 फीसदी हो गई. भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से रेपो रेट में इजाफा होने के बाद अब कई सरकारी और निजी क्षेत्र के बैंक लैंडिंग रेट में इजाफा कर रहे हैं. ऐसे में अगर आपके बैंक ने मौजूदा रेपो रेट के मुताबिक, लैंडिंग रेट में ज्यादा इजाफा कर दिया है और आपको लोन की ईएमआई और महंगी पड़ रही है तो हम यहां आपको आसान प्रोसेस बता रहे हैं कि आप कैसे अपना बैंक का लोन दूसरे बैंक में ट्रांसफर करा सकते हैं. 

आसानी से ट्रांसफर कर सकते हैं लोन

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लोन ट्रांसफर करने के लिए आपको किसी नए बैंक को चुनना होगा, जहां आप अपनी नई EMI भरेंगे. नए बैंक में हो सकता है आपको कम EMI देनी पड़ रही हो तो इससे आपके ब्याज पर आपको कुछ बचत हो सकती है. लोन ट्रांसफर करने के लिए पुराने बैंक से फोरक्लोजर का आवेदन देना होता है और फिर पुराने बैंक से अकाउंट स्टेटमेंट और प्रॉपर्टी के कागजात लेने होते हैं. इसके बाद ये सभी कागज नए बैंक में जमा करने होते हैं. 

पुराना बैंक देगा NOC

नए बैंक में ट्रांसफर कराने से पहले पुराना बैंक आपको एक एनओसी या अनापत्ति प्रमाण पत्र देगा. इसके लिए कन्सेंट लेटर भी लिया जा सकता है. ये लेटर नए बैंक में जमा कराना होता है. नए बैंक को सभी कागज देने होते हैं. बता दें कि नए बैंक में लोन ट्रांसफर करने के लिए आपको 1 फीसदी की प्रोसेसिंग फीस देनी होती है. 

नए बैंक को देने होंगे ये कागज

  • केवाईसी के कागज
  • प्रॉपर्टी पेपर
  • लोन बैलेंस
  • ब्याज का कागज
  • आवेदन पेपर

नया बैंक लेता है सहमति पत्र

ये सारी प्रोसेस पूरी होने के बाद नया बैंक आपके पुराने बैंक से सहमति पत्र लेगा और उसी के आधार पर लोन बंद होगा. नए बैंक के साथ कॉन्ट्रैक्ट साइन करना होता है. बैंक की बकाया फीस जमा करें. इसके बाद आपकी नए बैंक से ईएमआई शुरू हो जाएगी.