Loan Settlement for Personal Loan: लोन (Personal Loan) आपकी आर्थिक जरूरतों को पूरा करने या फिर इमरजेंसी सिचुएशन में मदद करने के लिए बड़ा सहारा हो सकता है, लेकिन ये बात बिल्कुल सही है कि लोन अपने साथ एक बड़ा कमिटमेंट लेकर आता है. आपकी इनकम का एक हिस्सा लोन चुकाने में जाता है और आप एक खर्च में बंध जाते हैं. लेकिन अच्छी बात है कि आपके पास लोन की अवधि खत्म हो जाने के पहले इसे भरकर रफा-दफा करने का ऑप्शन (Loan Prepayment) रहता है. ऐसा कहा जाता है कि "एक व्यक्ति को जितना हो सके उतना कम उधार लेना चाहिए और जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी चुका देना चाहिए." पर्सनल लोन के मामले में इस फिलॉसफी को फॉलो करना अच्छा फैसला हो सकता है. 

क्या आपको टेन्योर खत्म होने से पहले चुकाना चाहिए लोन?

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अगर आप अपना लोन वक्त से पहले चुका सकते हैं तो ये आपके लिए कई फायदे लेकर आता है. आप लोन पहले खत्म करने का ऑप्शन तब चुन सकते हैं जब आपके पास कहीं से एक्स्ट्रा फंड आया हो और आप उस पैसे का सही इस्तेमाल करना चाहते हों. अगर आप लोन का फुल प्रीपेमेंट करते हैं तो आप इंटरेस्ट पर बड़ी बचत करते हैं. आप टेन्योर खत्म होने तक चुकाते रहते तो हर किश्त में आपको ब्याज का पैसा भी भरना होता, लेकिन अगर आप एक बार में चुकाते हैं तो आप ब्याज की वो पूरी रकम बचा लेंगे. आमतौर पर किसी भी पर्सनल लोन में एक लॉक-इन पीरियड होता है, उसके बाद आप आउटस्टैंडिंग अमाउंट को पहले चुका सकते हैं. और ऐसा नहीं है कि आप शुरुआती सालों में ही प्रीपेमेंट करेंगे तो आपको फायदा होगा. आप लोन टेन्योर के बाद के सालों में भी प्रीपेमेंट कर सकते हैं. 

प्रीपेमेंट पर लग सकता है जुर्माना

लोन का प्रीपेमेंट या जिसे फोरक्लोजर भी कहते हैं, करने पर आपको जुर्माना देना पड़ सकता है. चूंकि आपका लोन खत्म होने से बैंक को ब्याज का नुकसान उठाना पड़ता है ऐसे में वो आपपर पेनाल्टी लगाते हैं. हालांकि, आरबीआई के रूल के मुताबिक, फ्लोटिंग रेट के बेसिस पर दिए गए लोन पर पेनाल्टी नहीं लगती, लेकिन आमतौर पर पर्सनल लोन फिक्स्ड रेट पर दिए जाते हैं, ऐसे में बहुत संभव है कि आपको पेनाल्टी भरनी पड़े. पेनाल्टी रेट 3 से 5 प्रतिशत हो सकता है. अगर आप जो कैश प्रीपेमेंट में लगाने वाले हैं, वो आपके लिए लोन पर भरे जा रहे ब्याज की तुलना में कहीं और से गारंटीड रिटर्न नहीं ला रहा तो आपको बिल्कुल अपना लोन चुका देना चाहिए.

पार्ट पेमेंट से कम कर सकते हैं ब्याज की रकम

अगर आप एक बार में लोन नहीं चुका पा रहे हैं तो आप पार्ट पेमेंट यानी हिस्सों-हिस्सों में इसे चुका सकते हैं. जैसे कि मान लीजिए आपके पास पूरे लोन के बराबर रकम नहीं है, लेकिन फिर भी कुछ बड़ी रकम हाथ में है, तो भी आप इसे लोन भरने में यूज कर सकते हैं. इससे आपका मूलधन घटता है, EMI और कुल ब्याज भी कम होता है. हालांकि, ध्यान रखिए कि यह तभी बहुत मददगार साबित होता है, जब आपने लोन का कुछ अच्छा-खासा हिस्सा कवर किया हो.

क्या क्रेडिट स्कोर पर होता है असर?

किसी लोन का प्रीपेमेंट करने पर आपके क्रेडिट स्कोर पर तुरंत तो कोई असर नहीं होता है, लेकिन लोन चुकता कर देने पर लंबे टर्म में आपका स्कोर ऊपर जा सकता है. वहीं, पार्ट पेमेंट से क्रेडिट स्कोर पर कोई असर नहीं होता है.

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