कोटक महिंद्रा बैंक ने सोमवार को कहा कि तरजीही शेयर जारी कर बैंक प्रवर्तकों की हिस्सेदारी घटाने के संबंध में भारतीय रिजर्व बैंक के फैसले को उसने बंबई उच्च न्यायालय में चूनौती दी है. उल्लेखनीय है कि कोटक महिंद्रा बैंक के प्रवर्तक और संस्थापक उदय कोटक ने अगस्त में तरजीही शेयर जारी कर बैंक में अपनी हिस्सेदारी को 30 प्रतिशत से घटाकर 19.70 प्रतिशत कर दिया था.

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नियामकीय नियमों से अलग

भारतीय रिजर्व बैंक ने इस मामले में कहा कि कोटक द्वारा घटाई गई हिस्सेदारी की कमी उसके नियामकीय नियमों से मेल नहीं खाती है. बैंक ने 14 अगस्त को दी गई नियामकीय जानकारी का हवाला देते हुए सोमवार को शेयर बाजारों को बताया, ‘‘हमारा मानना है कि हमने नियामकीय जरूरतों को पूरा कर लिया है और इस बात को लेकर हम रिजर्व बैंक के साथ संपर्क में रहेंगे.’’ 

रिजर्व बैंक को दी गई है जानकारी

बैंक का कहना है कि दीर्घकालिक गैर-संचयी तरजीही शेयर भी उसकी चुकता पूंजी का हिस्सा है और बैंकिंग नियमन कानून के तहत यह भी शेयरधारिता को घटाने का कानूनी आधार है. इस पर हमने आरबीआई को अपनी स्थिति स्पष्ट की है. इसके अलावा आरबीआई को इस मामले में देश के वरिष्ठ विधि सहायकों के मत से भी अवगत कराया है.

कोटक बैंक ने कहा है कि इस मामले में रिजर्व बैंक की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलने और बैंक के हितों की रक्षा के लिए उसने सोमवार को बंबई उच्च न्यायालय में इस संबंध में रिट याचिका दायर की है ताकि बैंक के पक्ष को मान्यता मिल सके. कोटक बैंक ने यह पूरी जानकारी सोमवार को शेयर बाजारों को भेजी है. 

(इनपुट एजेंसी से)