निजी क्षेत्र का कोटक महिंद्रा बैंक ने कहा कि उसने आधार के जरिये नया बैंक खाता खोलना बंद कर दिया है. कंपनी ने बिना किसी कागजी दस्तावेज के खाता खोलने की 8/11 योजना शुरू की थी. बैंक के अनुसार यह योजना जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित नोटबंदी से प्रेरित थी.

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हालांकि बैंक ने कहा कि उसने 18 महीने में खाताधारकों की संख्या दोगुना कर 1.6 करोड़ करने के लक्ष्य को पूरा कर लिया है. बैंक के अनुसार इसका श्रेय 8/11 पेशकश को जाता है जिसमें खाता खोलने के लिये पूरी तरह बायोमेट्रिक परियोजना पर भरोसा किया गया. 

बैंक के संयुक्त प्रबंध निदेशक दीपक गुप्ता ने कहा कि बैंक ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नया खाता खोलना बंद कर दिया है. न्यायालय ने अपने आदेश में निजी कंपनियों को बायोमेट्रिक आधारित ई-केवाईसी (अपने ग्राहक को जानो) नियमों के उपयोग से मना किया है.

उन्होंने स्वीकार किया कि इससे बैंक के नया खाता खोलने के अभियान को झटका लगेगा. हालांकि उन्होंने कहा कि बैंक खाता खोलने के लिये दो विकल्पों पर काम कर रहा है जो प्रौद्योगिकी आधारित है.

आधार से खाता खोलने वाला पहला बैंक

कोटक महेंद्रा ने ई-केवाईसी के जरीए सबसे पहले खाता खोलना शुरू किया था. बैंक ने मार्च, 2016 में आधार से खाता खोलने शुरू किए थे, उसके बाद अन्य बैंकों ने यह प्रक्रिया अपनानी शुरू की थी. कोटक महिंद्रा की देशभर में 1400 ब्रांचों में ग्राहकों को बिना आए खाता खोलने के प्रेरित किया था और इस तरह बैंक इस दौरान 8 मिलियन नए खाते खोले गए थे.

शुद्ध लाभ 21 प्रतिशत बढ़कर 1,747 करोड़ रुपये

कोटक महिंद्रा बैंक का एकीकृत शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की सितंबर में समाप्त दूसरी तिमाही में 21.3 प्रतिशत बढ़कर 1,747.37 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. बैंक ने इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 1,440.68 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था. 

शेयर बाजारों को भेजी सूचना में बैंक ने कहा कि तिमाही के दौरान उसकी कुल आय बढ़कर 10,829.08 करोड़ रुपये पर पहुंच गई, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 9,140.40 करोड़ रुपये थी. 

सितंबर के अंत तक बैंक की सकल गैर निष्पादित आस्तियां (एनपीए) घटकर कुल ऋण का 1.91 प्रतिशत रह गईं, जो एक साल पहले समान अवधि में 2.14 प्रतिशत थीं. मूल्य के हिसाब से तिमाही के अंत तक बैंक का सकल एनपीए 4,302.17 करोड़ रुपये पर रहा, जो एक साल पहले समान अवधि में 4,065.41 करोड़ रुपये था.