कार्वी मामले में बैंकों को राहत नहीं, अब सेबी के सामने होगी पेशी
कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग (Karvy Stock Broking) के मामले में बैंकों को सैट से कोई राहत नहीं मिली. सैट ने आज कहा कि बैंक 6 दिसंबर तक सेबी के पास अपना पक्ष रखें. सेबी इस मामले पर 12 दिसंबर तक आर्डर पास करे.
कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग (Karvy Stock Broking) के मामले में बैंकों को सैट से कोई राहत नहीं मिली. सैट ने आज कहा कि बैंक 6 दिसंबर तक सेबी के पास अपना पक्ष रखें. सेबी इस मामले पर 12 दिसंबर तक आर्डर पास करे.
दरअसल ICICI बैंक, HDFC बैंक और इंडसइंड बैंक ने सैट में सेबी और NSDL के खिलाफ अर्ज़ी दी थी. बैंकों की मांग थी कि कार्वी के निजी डीमैट खाते से जो शेयर NSDL ने निवेशकों के खातों में ट्रांसफर किया है उसे फ्रीज़ किया जाए. क्योंकि ये शेयर बैंकों के पास गिरवी थे और उसी के आधार पर बैंकों ने लोन दिया था.
ऐसी ही अर्ज़ी बजाज फाइनेंस ने भी सेबी के खिलाफ सैट में दी थी. जिस पर सैट ने आदेश दिया था कि बजाज फाइनेंस 4 दिसंबर तक सेबी के सामने अपना पक्ष रखे और सेबी 10 दिसंबर तक ऑर्डर पास करे.
NSE और BSE ने सोमवार को कार्वी का ट्रेडिंग लाइसेंस सस्पेंड कर दिया था. बाद में सेबी के आदेश पर NSDL ने मंगलवार को कार्वी के निजी डीमैट खाते से करीब 83 हज़ार निवेशकों के खातों में शेयर ट्रांसफर कर दिया था.
सेबी के मुताबिक कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग ने 90 हज़ार निवेशकों के करीब 2300 करोड़ रुपए वैल्यू के शेयर निजी डीमैट में ट्रांसफर कर लिया था. इसके लिए निवेशकों के पावर ऑफ अटॉर्नी का गलत इस्तेमाल किया गया था.
बजाज फाइनेंस का कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग में 345 करोड़ रु, ICICI बैंक का 642 करोड़ रु, HDFC बैंक का 350 करोड़ रु और इंडसइंड बैंक का 140 करोड़ रु फंसा है. सेबी ने 22 नवंबर को NSE की ओर से भेजी गई जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्वी के खिलाफ एक्शन लिया था. कार्वी को नए क्लाइंट जोड़ने पर रोक लगा दी थी.
कार्वी केस: बैंकों को राहत नहीं मिली
-SAT ने शेयर फ्रीज़ करने की बैंकों की अर्ज़ी को ठुकराया
-6 दिसंबर तक बैंकों को SEBI के सामने पक्ष रखना होगा
-12 तक SEBI को बैंकों की अर्ज़ी पर फैसला देना होगा
- ICICI बैंक, HDFC बैंक और इंडसइंड बैंक की थी अर्ज़ी
-NSDL ने कार्वी के खाते से निवेशकों को शेयर ट्रांसफर किया
-सोमवार को NSE, BSE ने कार्वी का ट्रेडिंग सस्पेंड किया था
-मंगलवार को कार्वी के खाते से निवेशकों को शेयर ट्रांसफर हुआ
-NSDL ने 90,000 में से 83,000 निवेशकों को शेयर ट्रांसफर किया
-SEBI के मुताबिक कार्वी ने निवेशकों के शेयर खुद के खाते में डाले
-कार्वी ब्रोकिंग पर पावर ऑफ अटॉर्नी के गलत इस्तेमाल का आरोप
-निवेशकों के शेयरों को बाद में बैंकों को गिरवी रखकर लोन लिया
-बजाज फाइनेंस का भी कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग में 345 करोड़ रु फंसा