देश के प्रमुख बैंक एचडीएफसी बैंक ने पुलिस में मुकदमा दर्ज कराया है कि गुड़गांव स्थित एक कंसल्टेंसी फर्म ने कथित रूप से फर्जी दस्तावेज के जरिए विभिन्न पदों पर 68 कंडीडेट की बैंक में भर्ती कराई. पिछले दो वर्षों से जारी इस फर्जीवाड़े में एसिस्टेंट मैनेजर से लेकर ब्रांच मैनेजर तक की पोस्ट धोखे से हथियाई गई.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बैंक ने जब इस साल फरवरी में एक महिला कर्मचारी के रिफरेंस की जांच की इस फर्जीवाड़े का पता चला. बैंक द्वारा की गई पुलिस कंप्लेन के मुताबिक इस महिला कर्मचारी ने अक्टूबर 2017 में सहायक प्रबंधक के पद पर ज्वाइन किया था. रिफरेंस चेक के दौरान पता चला कि भर्ती के दौरान एडेको कंसल्टेंसी ने उनकी मदद की थी और इस एजेंसी की मदद से महिला कर्मचारी ने फर्जी सैलरी स्लिप, एक्सपीरियंस सर्टिफिकेट और दूसरे दस्तावेज जमा किए थे.

शुरुआती जांच के दौरान महिला कर्मचारी ने बताया कि फर्जी दस्तावेज हासिल करने के लिए उनसे एजेंसी के मालिक अमित चौधरी को 60,000 रुपये दिए थे. उसके बाद बैंक ने एडेको द्वारा भर्ती कराए गए दूसरे कर्मचारियों की जांच की तो इनमें से 68 कर्मचारियों को दोषी पाया. इसके लिए इन कर्मचारियों ने प्लेसमेंट एजेंसी को 25000 रुपये से लेकर 1.5 लाख रुपये तक दिए.

कैसे होता था फर्जीवाड़ा

1. सबसे पहले प्लेसमेंट एजेंसी जॉब पाने के लिए जरूरी रिक्वायरमेंट का पता करती थी. इसके लिए जॉब पोर्टल और बैंक में पहले से काम कर रहे कर्मचारियों की मदद ली जाती.

2. संभावित उम्मीदवारों से संपर्क कर उन्हें नौकरी की पेशकश की जाती थी और उन्हें नौकरी पाने के लिए जरूरी सभी दस्तावेज फर्जी तरीके से तैयार करके दिए जाते थे.

3. उम्मीदवारों को इंटरव्यू की ट्रेनिंग भी दी जाती थी. बैंक में पहले से काम कर रहे कर्मचारियों की मदद भी नौकरी दिलवाने में ली जाती थी.