LTA Benefit: मुख्य न्यायाधीश उदय उमेश ललिल (यूयू ललित) की अध्यक्षता में बनी सुप्रीम कोर्ट की डिवीजन बेंच ने माना है कि लीव ट्रैवल अलाउंस (LTA) सिर्फ भारत में ही ट्रैवल करने पर इस्तेमाल किया जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि विदेश में यात्रा करने पर इसका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. सुप्रीम कोर्ट ने पब्लिक सेक्टर के बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के खिलाफ महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है.  कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि एसबीआई कर्मचारियों की ओर से विदेशी यात्रा करने पर टीडीएस लगना जरूरी है कि क्योंकि देश में ही यात्रा करने पर कर्मचारियों को एलटीसी यानी कि लीव ट्रैवल कंसेशन (Leave Travel Consession) मिलता है. 

SBI की अपील को कोर्ट ने किया खारिज

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सुप्रीम कोर्ट ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की अपील को खारिज कर दिया था. एसबीआई ने दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी. दिल्ली हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया था. फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एसबीआई कर्मचारियों को LTA क्लेम के तहत मिली राशि पर छूट नहीं मिल सकती, क्योंकि इन लोगों ने विदेशी यात्रा की थी. 

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डिवीजन बेंच ने दिया ये फैसला

मुख्य न्यायाधीश जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस एस रवींद्र भट्ट और जस्टिस सुधांशू दहिया ने माना कि एलटीए के नियमों के मुताबिक, किसी भी कर्मचारी को देश में ही दो शहरों के बीच ट्रैवल करने पर टैक्स छूट का फायदा मिलता है. 

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में बताया कि अगर कर्मचारी देश से बाहर यानी कि विदेश में यात्रा करते हैं तो उन्हें इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 10(5) के प्रावधान के तहत एलटीए का फायदा नहीं मिलेगा. बता दें कि देश के सैलरीड क्लास के लोगों को इनकम टैक्स एक्ट 1961 के तहत कई तरह की छूट मिलती हैं. इन छूट में से कर्मचारियों की ओर से सबसे ज्यादा LTA/LTC का इस्तेमाल किया जाता है.