Investment Tips: तेजी से बढ़ाना है पैसा तो FD की बजाय यहां करें निवेश, 8.5% मिल रहा है ब्याज
अगर आप चाहें तो RBI बॉन्ड्स में भी निवेश कर सकते हैं. RBI Bonds को भी सुरक्षित निवेश माना जाता है और इसमें एफडी से ज्यादा ब्याज मिल रहा है. मौजूदा समय में ये ब्याज दर 8.5% है. यहां जानिए इसके बारे में वो सब जो आपको हर हाल में जानना चाहिए.
पैसे को बढ़ाना है तो इसे इकट्ठा करने की बजाय निवेश करें. निवेश पर आपको रिटर्न मिलता है और आपकी रकम बढ़ती जाती है. लेकिन निवेश के भी कई ऑप्शंस हैं. ऐसे में कहां पैसा इन्वेस्ट करने से आपको अच्छा ब्याज मिलेगा, ये समझना बहुत जरूरी है. आज के समय में भी तमाम लोग FD में यकीन रखते हैं. इसका कारण है कि फिक्स्ड डिपॉजिट में आपको ये पता रहता है कि आपका पैसा सुरक्षित है और इस पर कितना ब्याज मिलेगा. लेकिन अगर आप चाहें तो RBI बॉन्ड्स में भी निवेश कर सकते हैं. RBI Bonds को भी सुरक्षित निवेश माना जाता है और इसमें एफडी से ज्यादा ब्याज मिल रहा है. मौजूदा समय में ये ब्याज दर 8.5% है. यहां जानिए इसके बारे में.
कोई भी भारतीय नागरिक कर सकता है निवेश
गवर्नमेंट ऑफ इंडिया सेविंग्स बॉन्ड को ही आरबीआइ बॉन्ड कहते हैं. ये फ्लोटिंग रेट सेविंग बॉन्ड है. इसमें कोई भी भारतीय नागरिक निवेश कर सकता है. आप अभिभावक के तौर पर नाबालिग के नाम से भी इस बॉन्ड में निवेश कर सकते हैं. आप संयुक्त तौर पर भी इसके लिए अप्लाई कर सकते हैं.
NSC के हिसाब से तय होता है ब्याज
फ्लोटिंग रेट सेविंग बॉन्ड होने के कारण इसमें ब्याज दर पूरे टेन्योर में एक समान नहीं रहती. समय-समय पर बदलती रहती है. इस बॉन्ड पर ब्याज का निर्धारण हर छह महीने पर (1 जुलाई और 1 जनवरी) को किया जाता है. नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) के हिसाब से इसका ब्याज तय होता है. जुलाई और 1 जनवरी को जो ब्याज एनएससी (NSC) पर होता है, उससे 35 बेसिस प्वाइंट ज्यादा ब्याज संबंधित छमाही के लिए बॉन्ड धारकों को मिलता है. मौजूदा छमाही के लिए एनएससी पर 7.7 फीसदी की दर से ब्याज मिल रहा है. वहीं आरबीआई बॉन्ड पर ये 8.5 फीसदी है.
7 साल का लॉक-इन पीरियड
आप कम से कम 1000 रुपए की कीमत के आरबीआई बॉन्ड खरीद सकते हैं. इसके बाद आपको 1000 रुपए के मल्टीपल्स में ही निवेश करना होगा. इसमें अधिकतम निवेश की कोई सीमा नहीं है. आरबीआई बॉन्ड में लॉक-इन पीरियड 7 साल का है, यानी आप इस Period तक पैसा नहीं निकाल सकते. हालांकि Senior citizens को Premature Exit का ऑप्शन मिलता है. लेकिन Premature Exit करने पर कुछ कटौती की जाती है. नियमों के अनुसार 60 से 70 साल के निवेशक 6 वर्ष के बाद, 70 से 80 साल के निवेशक 5 वर्ष के बाद, जबकि 80 साल से ऊपर के निवेशक 4 वर्ष के बाद प्रीमैच्योर रिडेम्पशन कर सकते हैं.
ऐसे कर सकते हैं निवेश
आरबीआइ बॉन्ड को स्टेट बैंक समेत किसी भी सरकारी बैंक या फिर ICICI, IDBI, HDFC या Axis जैसे प्राइवेट बैंक से खरीद सकते हैं. इस बॉन्ड पर छमाही आधार पर Interest का भुगतान किया जाता है. इस बॉन्ड पर मिलने वाला ब्याज टैक्सेबल है. आप जिस इनकम टैक्स स्लैब में आएंगे, उसी के अनुसार टैक्स देना होगा. इसके अलावा ब्याज की आय पर TDS भी लागू होगा. हालांकि टीडीएस तभी कटेगा, जब ब्याज एक वित्त वर्ष में 10 हजार रुपए से ज्यादा हो. निवेशक के लिए यह जानना भी जरूरी है कि ये बॉन्ड ट्रांसफरेबल नहीं है. सिर्फ निवेशक की मौत के बाद ही नॉमिनी के नाम पर यह ट्रांसफर हो सकता है.