हिन्दुजा समूह के प्रवर्तक वारंट जारी कर इंडसइंड बैंक में 2,700 करोड़ रुपये की पूंजी डालेंगे. भारत फाइनेंशियल के विलय के बाद बैंक में अपनी हिस्सेदारी को फिर से 15 प्रतिशत पर लाने को प्रवर्तक यह निवेश करेंगे. निजी क्षेत्र के बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी. इंडसइंड बैंक में भारत फाइनेंशियल का विलय चार जुलाई से प्रभावी होगा. बैंक के रणनीतिक मामलों के प्रमुख संजय मलिक ने बताया कि हमारे प्रवर्तक अपनी हिस्सेदारी को फिर से 15 प्रतिशत पर लाने के लिए 2,700 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे.

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उन्होंने कहा कि एक चौथाई राशि का निवेश विलय के तुरंत बाद होगा जबकि शेष पूंजी अगले 18 माह में डाली जाएगी. अधिकारी ने बताया कि भारत फाइनेंशियल के विलय के कारण प्रवर्तकों की हिस्सेदारी घटकर 13 प्रतिशत पर आ गई है. अपनी हिस्सेदारी को बढ़ाकर 15 प्रतिशत की सीमा पर करने के लिए ही प्रवर्तक ये वारंट जारी करेंगे. विनियामक ने बैंक में प्रवर्तकों की हिस्सेदारी के लिए 15 प्रतिशत की सीमा तय की है.

इंडसइंड बैंक में भारत फाइनेंशियल के विलय की घोषणा अक्टूबर, 2017 में हुई थी. इसके तहत शेयरधारकों को भारत फाइनेंशियल के हर 1,000 शेयर के बदले इंडसइंड बैंक के 639 शेयर दिये जाएंगे. मलिक ने कहा कि प्रवर्तकों के निवेश के अलावा भारत फाइनेंशियल की 4,200 करोड़ रुपये की नेटवर्थ से भी बैंक को फायदा होगा.