सरकारी बैंक इंडियन ओवरसीज बैंक (Indian Overseas Bank) ने ब्याज दरों में कटौती करने के संकेत दिए हैं. बैंक ने कहा है कि वह वह कोष की सीमांत लागत आधारित ब्याज (MCLR) दर में बदलाव करेगा. 

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बंबई शेयर बाजार को भेजी सूचना में बैंक ने कहा है कि तीन महीने तक के लिए ब्याज दर को मौजूदा 8.10 परसेंट से घटाकर 8.05 परसेंट किया जायेगा. इसी तरह छह महीने के लिए पर ब्याज दर को मौजूदा 8.15 फीसदी से घटाकर 8.10 फीसदी कर दिया जायेगा.

बैंक ने कहा है कि एक वर्ष की अवधि के कर्ज पर ब्याज दर 8.25 फीसदी से घटाकर 8.15 फीसदी किया जायेगा. वहीं दो साल की अवधि के लिये इसे 8.30 परसेंट से घटाकर 8.20 परसेंट किया जाएगा.

तीन साल की अवधि के कर्ज पर सीमांत लागत आधारित ब्याज दर मौजूदा 8.35 फीसदी से घटाकर 8.25 फीसदी की जायेगी. हालांकि, बैंक ने कहा है कि एक दिन और एक माह की अवधि के लिये ब्याज दर 7.80 प्रतिशत पर बरकरार रहेगी.

बैंक के मुताबिक, नई ब्याज दरें 10 मई से लागू होंगी. बैंक के इस कदम से जिन लोगों ने बैंक से होम लोन, ऑटो लोन या फिर पर्सनल लोन लिया हुआ है, उन्हें फायदा मिलेगा. उनके लोन की मासिक किस्त में कमी आएगी. इससे ग्राहकों के ऊपर पड़ने वाले ईएमआई के बोझ में कुछ कमी आएगी.

मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट्स (MCLR) एक ऐसा सिस्टम है जो कॉमर्शियल बैंक्स में कर्ज की ब्याज दर तय करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. बैंकों से कर्ज लेने पर ब्याज की दर तय के लिए अप्रैल, 2016 में रिजर्व बैंक ने एमसीएलआर की शुरुआत की थी.

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जब ग्राहक बैंक से कर्ज लेते हैं तो बैंक द्वारा लिए जाने वाले ब्याज की न्यूनतम दर को आधार दर कहा जाता है. बैंक आधार दर से कम दर पर किसी को लोन नहीं दे सकता. अब इस आधार दर की जगह  MCLR का इस्तेमाल होने लगा है.