वित्त मंत्री अरूण जेटली ने को कहा कि बैंक क्षेत्र में मितव्ययिता के साथ काम करने के लिये देश को गिने चुने लेकिन बड़े बैंकों की आवश्यकता है. भारतीय स्टेट बैंक के साथ उसके पांच सहयोगी बैंकों और भारतीय महिला बैंक के 2017 में विलय के बाद सरकार ने इस साल देना बैंक, विजया बैंक का बैंक आफ बड़ौदा में विलय को मंजूरी दी है.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

आम बजट के बाद आरबीआई निदेशक मंडल के साथ होने वाली परंपरागत बैठक को संबोधित करते हुए जेटली ने कहा कि एसबीआई विलय का हमारे पास अनुभव है और अब इस क्षेत्र में दूसरा विलय हो रहा है. 

उन्होंने कहा कि जहां तक बैंक क्षेत्र की बात है, भारत को गिने-चुने बड़े बैंकों की जरूरत है जो हर मायने में मजबूत हो. कर्ज की दर से लेकर बड़े पैमाने की मितव्ययिता के अनुकूलतम उपयोग तक में इसका लाभ उठाने में मदद मिलेगी. 

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले महीने तीन बैंकों के विलय को मंजूरी दे दी. इससे देश में एसबीआई और आईसीआईसीआई बैंक के बाद तीसरा सबसे बड़ा बैंक सृजित होगा. इन तीनों बैंका का विलय एक अप्रैल 2019 से प्रभाव में आएगा. इस विलय के बाद सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की संख्या घटकर 18 रह जाएगी.