LIC देश ही सबसे बड़ी सरकारी बीमा कंपनियों में से एक है. लाइफ इंश्‍योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के क्रंट्रोल में रहने वाले इंडस्‍ट्रीयल डेवलपमेंट बैंक ऑफ इंडिया (IDBI) में स्ट्रेटेजिक स्टेक की सेल (Strategic Stake Sell) प्रक्रिया में मदद के लिए बोली जमा कराने वाले ज्यादातर मर्चेंट बैंकरों (Merchant Bankers) ने कहा है कि इस प्रक्रिया को पूरा करने में एक साल का समय लगेगा. डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मेनेजमेंट (DIPAM) को दिए प्रेजेंटेशन में ज्यादातर मर्चेंट बैंकर्स ने आईडीबीआई (IDBI) के प्राइवेटाइजेशन के प्रोसेस के अलग-अलग लेवल को पूरा करने के लिए 50 से 52 हफ्तों का समय मांगा है.

क्‍यों चुना गया है Strategic Stake

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Strategic Stake के प्रोसेस को पूरा करने के लिए डेलॉयट टच तोहमात्सु इंडिया एलएलपी (Deloitte Touch Tohmatsu India LLP), अनर्स्ट एंड यंग एलएलपी, आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज लिमिटेड, जेएम फाइनेंशियल लिमिटेड, केपीएमजी, आरबीएसए कैपिटल एडवाइजर्स एलएलपी और एसबीआई कैपिटल मार्केट्स से बोलियां मिली हैं.

दीपम ने केंद्र सरकार की ओर से आईडीबीआई बैंक की स्ट्रेटेजिक स्टेर की सेल को पूरा करने के लिए ट्रांजेक्शन एडवाइजर के अपॉइनमेंट को जून 2021 में टेंडर निकाला था. बोलियां जमा कराने की लास्ट डेट 13 जुलाई 2021 थी. केपीएमजी (KPMG) ने सबसे कम एक रुपये की बोली लगाई थी.

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LIC के जिम्मे कितनी है हिस्‍सेदारी

सेंट्रल कैबिनेट (Inion Cabinet) ने मई 2021 में आईडीबीआई के स्ट्रेटेजिक और मेनेजमेंट कंट्रोल के ट्रांसफर को लिखित में मंजूरी दी थी. केंद्र सरकार (Central Government) और लाइफ इंश्योरेंस के पास कुल मिलाकर बैंक की 94 पर्सेंट हिस्सेदारी है. इसमें 49.24 पर्सेंट हिस्सेदारी के साथ फिलहाल एलआईसी (LIC) के पास मेनेजमेंट कंट्रोल है. केंद्र सरकार के पास बैंक की 45.48 फीसदी हिस्सेदारी है. इसके अलावा गैर-प्रवर्तकों की हिस्सेदारी (Non-Promotors Stake) 5.29 फीसदी है.