IDBI Bank का फंसा कर्ज (NPA) बढ़ने से उसका घाटा करीब तीन गुना बढ़ गया. चालू वित्त वर्ष की दिसंबर 2018 में समाप्त तीसरी तिमाही में उसका घाटा बढ़कर 4,185.48 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. पिछले वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में बैंक को 1,524.31 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था. आईडीबीआई बैंक ने बयान में कहा कि समीक्षाधीन अवधि में उसकी कुल आय घटकर 6,190.94 करोड़ रुपये रह गई. पिछले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में उसकी आय 7,125.20 करोड़ रुपये थी.

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बैंक की सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) एक साल पहले के 24.72 प्रतिशत से बढ़कर 2018-19 की तीसरी तिमाही की समाप्ति पर 29.67 प्रतिशत हो गई. हालांकि, शुद्ध एनपीए कुल कर्ज के 16.02 प्रतिशत से गिरकर 14.01 प्रतिशत रह गया.

बैंक का फंसे कर्ज के लिए प्रावधान 2017-18 में 3,649.82 करोड़ रुपये से बढ़कर 2018-19 की तीसरी तिमाही में 5,074.80 करोड़ रुपये हो गया. हालांकि, इस दौरान एनपीए वसूली 537 करोड़ रुपये से बढ़कर 3,440 करोड़ रुपये रही.

बैंक का स्वामित्व अब सरकार के पास से भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के पास चला गया है. बैंक ने बयान में कहा कि एलआईसी ने 21 जनवरी को आईडीबीआई बैंक में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी के अधिग्रहण को पूरा कर लिया है. बैंक को कुल 21,624 करोड़ रुपये की पूंजी मिली है.