How To Use Credit Card: जानिए क्या होता है मिनिमम अमाउंट ड्यू का चक्कर, कैसे इसके झांसे में फंसते हैं लोग
अगर आपने भी हाल ही में क्रेडिट कार्ड (Credit Card) लिया है या लेने की सोच रहे हैं तो पहले जान लीजिए कि इसमें मिनिमम ड्यू का क्या चक्कर होता है. मिनिमम अमाउंट ड्यू (Minimum Amount Due) के झांसे में तो कई बार सालों से क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करने वाले भी आ जाते हैं.
आज के दौर में क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल खूब बढ़ गया है. लोग तेजी से क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल (How To Use Credit Card) कर रहे हैं. ग्रामीण इलाकों में भी लोग क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने लगे हैं. बहुत सारे लोग तो सिर्फ स्टाइल मारने के चक्कर में क्रेडिट कार्ड (Credit Card Using Tips) रख लेते हैं और नतीजा ये होता है कि उनकी जेब से ढेर सारे पैसे चले जाते हैं. जब तक उन्हें समझ आता है कि क्रेडिट कार्ड के चक्कर में उनका नुकसान हो चुका है, तब तक काफी देर हो चुकी होती है. अगर आपने भी हाल ही में क्रेडिट कार्ड (Credit Card) लिया है या लेने की सोच रहे हैं तो पहले जान लीजिए कि इसमें मिनिमम ड्यू का क्या चक्कर होता है. मिनिमम अमाउंट ड्यू (Minimum Amount Due) के झांसे में तो कई बार सालों से क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करने वाले भी आ जाते हैं.
क्या होता है मिनिमम अमाउंट ड्यू
जब आपके क्रेडिट कार्ड का बिल आता है तो उसमें दो अमाउंट लिखे होते हैं. एक तो आपके क्रेडिट कार्ड का पूरे महीने का बिल होता है, जबकि दूसरा होता है मिनिमम अमाउंट ड्यू. यह आपको बिल का एक बहुत ही छोटा सा हिस्सा होता है, जो करीब 5 फीसदी तक ही होता है. कई बार लोग सोचते हैं कि मिनिमम अमाउंट ड्यू का भुगतान कर देंगे तो उन पर कोई चार्ज नहीं लगेगा, लेकिन ऐसा नहीं है.
तो फिर मिनिमम अमाउंट ड्यू चुकाने का क्या फायदा?
अगर आप मिनिमम अमाउंट ड्यू का भुगतान कर देते हैं तो आप पर लेट फीस नहीं लगेगी. हालांकि, आपके कुल बिल पर आपको भारी-भरकम चार्ज चुकाना पड़ सकता है. ना चुकाए गए बिल पर रोजाना के हिसाब से बहुत ज्यादा ब्याज वसूला जाता है. मान लीजिए कि आपका बिल 50 हजार रुपये का है और मिनिमम अमाउंट ड्यूट सिर्फ 2500 रुपये है. ऐसे में अगर आप 2500 का भुगतान कर देते हैं तो आप पर लेट फीस नहीं लगेगी, लेकिन 50 हजार रुपये के पूरे अमाउंट पर 48 फीसदी तक की दर से आपको ब्याज चुकाना पड़ सकता है.
यूं ही नहीं फ्री में मिल जाता है क्रेडिट कार्ड
आपने अक्सर देखा होगा कि कई बैंक बिना किसी एनुअल चार्ज के लाइफटाइम फ्री क्रेडिट कार्ड देते हैं. उनका मकसद सिर्फ इतना होता है कि अधिक से अधिक लोग क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करें. क्रेडिट का मतलब ही है लोन. यानी आप क्रेडिट कार्ड से जो भी खरीदते हैं, वह दरअसल लोन लेकर खरीद रहे हैं. ऐसे में कभी ना कभी तो हर किसी से गलती हो जाती है या कोई पेमेंट डिफॉल्ट हो जाती है और वहीं पर बैंक भारी-भरकम चार्ज लगाकर आपसे मोटा पैसा वसूल लेते हैं. इतना ही नहीं, क्रेडिट कार्ड देने वाले बैंक आपके समय-समय पर फोन कर के आकर्षक लोन के ऑफर और आसान ईएमआई में सामान खरीदने के ऑफर देते रहते हैं. लोग अक्सर उनमें से कुछ ऑफर भी ले लेते हैं. और इस तरह बैंक आपको मुफ्त में क्रेडिट कार्ड देकर भी आपसे रेवेन्यू जनरेट कर लेते हैं.